एनबीटी ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) कक्षा नौ से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को 15 सितंबर तक प्रस्ताव भेजेगा।
सिलेबस की समीक्षा में जुट गए हैं। समय से प्रस्ताव तैयार करने के लिए 33 पाठ्यक्रम समितियों की बैठक जुलाई में हो चुकी है। अगले चरण की समीक्षा अगस्त में शुरू होने जा रही है।
सरकार ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एनसीईआरटी का सिलेबस लागू करने का आदेश दिया है। प्रदेश के 25 हजार से अधिक स्कूलों में अप्रैल 2018 से एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाने की तैयारी है। 2018-19 के सत्र में कक्षा 9 व 11वीं जबकि, 2019-2020 सत्र से कक्षा 10 और 12वीं में इन किताबों से पढ़ाई शुरू होगी। पहली बार 2020 की बोर्ड परीक्षा एनसीईआरटी किताबों के आधार पर ली जाएगी।
फिलहाल, बोर्ड के सामने समस्या है कि, कुछ विषय ऐसे हैं, जो एनसीईआरटी के सिलेबस में नहीं हैं। इनमें कृषि शिक्षा व अन्य व्यावसायिक विषय शामिल हैं। यूपी बोर्ड अपने ऐसे पाठ्यक्रमों की समीक्षा एनसीईआरटी के विशेषज्ञों से करवाना चाहता है। साथ ही अंग्रेजी, हिन्दी जैसे विषयों के सिलेबस की भी समीक्षा होनी है। इससे यूपी बोर्ड के सिलेबस में जो हिस्सा एनसीईआरटी किताबों में शामिल करने लायक है, उसे लिया जा सके।
सभी विषयों में होगा एक पेपर
एनसीईआरटी का पैटर्न अपनाने जा रहा यूपी बोर्ड 2018 और 2019 की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में सभी विषयों के एक पेपर करने जा रहा है। जबकि, अब तक अधिकांश विषयों में दो पेपर होते थे। अगले दो साल की बोर्ड परीक्षा तो वर्तमान सिलेबस के आधार पर ही होनी है। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी विषयों में एक पेपर ही किया जाए। इससे बोर्ड परीक्षा में लगने वाले समय को कम किया जा सके और नया सत्र अप्रैल से ही शुरू हो।
यूपी बोर्ड के सिलेबस में संशोधन के लिए एनसीईआरटी को 15 सितंबर तक प्रस्ताव भेजना है। इस डेडलाइन को ध्यान में रखकर ही तैयारी हो रही है। अगस्त में विषय विशेषज्ञ समितियों की बैठक दोबारा हो सकती है। इससे समय से प्रस्ताव भेजा जा सके।
- नीना श्रीवास्तव, सचिव, यूपी बोर्ड
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सिलेबस की समीक्षा में जुट गए हैं। समय से प्रस्ताव तैयार करने के लिए 33 पाठ्यक्रम समितियों की बैठक जुलाई में हो चुकी है। अगले चरण की समीक्षा अगस्त में शुरू होने जा रही है।
सरकार ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एनसीईआरटी का सिलेबस लागू करने का आदेश दिया है। प्रदेश के 25 हजार से अधिक स्कूलों में अप्रैल 2018 से एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाने की तैयारी है। 2018-19 के सत्र में कक्षा 9 व 11वीं जबकि, 2019-2020 सत्र से कक्षा 10 और 12वीं में इन किताबों से पढ़ाई शुरू होगी। पहली बार 2020 की बोर्ड परीक्षा एनसीईआरटी किताबों के आधार पर ली जाएगी।
फिलहाल, बोर्ड के सामने समस्या है कि, कुछ विषय ऐसे हैं, जो एनसीईआरटी के सिलेबस में नहीं हैं। इनमें कृषि शिक्षा व अन्य व्यावसायिक विषय शामिल हैं। यूपी बोर्ड अपने ऐसे पाठ्यक्रमों की समीक्षा एनसीईआरटी के विशेषज्ञों से करवाना चाहता है। साथ ही अंग्रेजी, हिन्दी जैसे विषयों के सिलेबस की भी समीक्षा होनी है। इससे यूपी बोर्ड के सिलेबस में जो हिस्सा एनसीईआरटी किताबों में शामिल करने लायक है, उसे लिया जा सके।
सभी विषयों में होगा एक पेपर
एनसीईआरटी का पैटर्न अपनाने जा रहा यूपी बोर्ड 2018 और 2019 की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में सभी विषयों के एक पेपर करने जा रहा है। जबकि, अब तक अधिकांश विषयों में दो पेपर होते थे। अगले दो साल की बोर्ड परीक्षा तो वर्तमान सिलेबस के आधार पर ही होनी है। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी विषयों में एक पेपर ही किया जाए। इससे बोर्ड परीक्षा में लगने वाले समय को कम किया जा सके और नया सत्र अप्रैल से ही शुरू हो।
यूपी बोर्ड के सिलेबस में संशोधन के लिए एनसीईआरटी को 15 सितंबर तक प्रस्ताव भेजना है। इस डेडलाइन को ध्यान में रखकर ही तैयारी हो रही है। अगस्त में विषय विशेषज्ञ समितियों की बैठक दोबारा हो सकती है। इससे समय से प्रस्ताव भेजा जा सके।
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