लखनऊ. शिक्षक भर्ती पर आए कैबिनेट के फैसले पर शिक्षामित्र नाखुश नजर आ रहे हैं. शिक्षामित्रों ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार आने से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों के हितों का ध्यान रखने का वादा किया था.
ऐसे में नए नियम बनाकर शिक्षामित्रों की राह मुश्किल कर रही है.
सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती
शिक्षामित्रों ने ऐलान किया है कि वे इस लिखित परीक्षा वाले निर्णय को न्यायालय में चुनौती देंगें. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है. जिसमें माध्यमिक से लेकर बेसिक स्कूलों तक के शिक्षक शामिल होंगे. शिक्षामित्रों का आरोप है कि सरकार ने पौने दो लाख शिक्षामित्रों के हितों के साथ खिलवाड़ कर न्याय नहीं किया.
15 अक्टूबर टीईटी परीक्षा देंगे शिक्षामित्र, दिसंबर में होनी है भर्ती
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा है कि शिक्षकों की भर्ती लिखित परीक्षा से करने का फैसला कर बीजेपी सरकार ने साफ कर दिया है. कि वह शिक्षामित्रों का भला नहीं चाहती. जितेंद्र शाही ने कहा कि बीजेपी सरकार चाहती ही नहीं कि शिक्षामित्र अध्यापक बनें. वहीं बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने भी सरकार के फैसले पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने ये निर्णय लेकर शिक्षामित्रों को मौत के मुंह में ढकेल दिया है। शिक्षामित्र पहले ही कोर्ट के फैसले के कारण निराशा में थे. और अब सरकार ने उन्हें दोहरे तरीके से मारा है. न सिर्फ टीईटी बल्कि अब लिखित परीक्षा का भी दबाव है.
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ऐसे में नए नियम बनाकर शिक्षामित्रों की राह मुश्किल कर रही है.
सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती
शिक्षामित्रों ने ऐलान किया है कि वे इस लिखित परीक्षा वाले निर्णय को न्यायालय में चुनौती देंगें. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है. जिसमें माध्यमिक से लेकर बेसिक स्कूलों तक के शिक्षक शामिल होंगे. शिक्षामित्रों का आरोप है कि सरकार ने पौने दो लाख शिक्षामित्रों के हितों के साथ खिलवाड़ कर न्याय नहीं किया.
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आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा है कि शिक्षकों की भर्ती लिखित परीक्षा से करने का फैसला कर बीजेपी सरकार ने साफ कर दिया है. कि वह शिक्षामित्रों का भला नहीं चाहती. जितेंद्र शाही ने कहा कि बीजेपी सरकार चाहती ही नहीं कि शिक्षामित्र अध्यापक बनें. वहीं बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने भी सरकार के फैसले पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने ये निर्णय लेकर शिक्षामित्रों को मौत के मुंह में ढकेल दिया है। शिक्षामित्र पहले ही कोर्ट के फैसले के कारण निराशा में थे. और अब सरकार ने उन्हें दोहरे तरीके से मारा है. न सिर्फ टीईटी बल्कि अब लिखित परीक्षा का भी दबाव है.
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