लखनऊ. निजी स्कूलों में
पढ़ाने के लिए अब सभी शिक्षकों को टीईटी (टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट UPTET -
2017) पास करना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके लिए सभी राज्य की सरकारों ने
इसकों सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। अब बिना टीईटी पास किये कोई
भी शिक्षक किसी भी निजी स्कूल में नहीं पढ़ा पाएगा।
सरकारी स्कूलों में टीईटी की अनिवार्यता
बता दें कि अभी तक सिर्फ यह नियम सरकारी
स्कूल में लागू था लेकिन अब यह निजी प्राइवेट स्कूलों में भी लागू कर दिया
गया है। देश प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ने के केंद्र सरकार ने यह निर्देश
दिए हैं। सरकार के निर्देश के बाद हर प्रदेश में यह नियम नियमता से लागू
किये जाने की प्रकिया शुरू कर दी गई है।
एनसीटीई को दिए गए निर्देश
इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने
एनसीटीई (नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन) की सिफारिश पर यह निर्देश दिया
है। आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के प्रावधानों के तहत निजी स्कूलों के
शिक्षकों के लिए भी टीईटी लागू करने की व्यवस्था है।
एनसीटीई के मुताबिक, देश में सरकारी
स्कूलों की संख्या करीब 15.20 लाख है तो करीब 3.40 लाख निजी स्कूल हैं।
सरकारी स्कूलों में जब टीईटी अनिवार्य किया गया है तो निजी स्कूलों को भी
इसके दायरे में लाना जरूरी है। क्योंकि इसके बिना शिक्षा सुधार की दिशा में
आगे बढ़ पाना मुश्किल होगा।1मानव संसाधन विकास मंत्रलय के नए निर्देश के
तहत राज्यों को सीबीएसई और राज्य सरकार के अधीनस्थ बोर्डो द्वारा संचालित
सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू करनी होगी। एनसीटीई ने यह सारी कवायद उस
समय शुरू की है, जब 90 फीसदी से ज्यादा बी. एड. की शिक्षा देने वाले
कॉलेजों के पास कोई संसाधन नहीं है। एनसीटीई ने पिछले दिनों मंत्रलय के
सामने इस मुद्दे को भी रखा था।
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