मैनपुरी। फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में जिले के एक दर्जन
से अधिक अन्य शिक्षक भी बीएसए कार्यालय के निशाने पर हैं। इन शिक्षकों के
संबंध में बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों से अभिलेख मांगे हैं।
फर्जी बीएड शिक्षक भर्ती जांच में
एक के बाद एक नई पर्त खुल रही हैं। 77 शिक्षकों को बर्खास्तगी के नोटिस के
बाद अभी एक दर्जन से अधिक और शिक्षक बीएसए के निशाने पर हैं। बीएसए ने
शुक्रवार को खंड शिक्षाधिकारियों से वार्ता कर इन संदिग्ध शिक्षकों के
अभिलेख मांगे हैं।
शुक्रवार को बीएसए कार्यालय में इन शिक्षकों की जांच का कार्य तेजी के साथ चलता रहा। सभी खंड शिक्षाधिकारियों के साथ बीएसए भी जांच कार्य कराने में व्यस्त रहे। गोपनीय स्थान पर बंद कमरे में बीएसए ने फर्जी शिक्षकों की जांच कराई। अब तक 77 शिक्षकों को सेवा समाप्ति के नोटिस जारी किए जा चुके हैं। दो दर्जन की जांच अभी जारी है।
फर्जी बीएड शिक्षक मामले में कई शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्हें यह जानकारी नहीं है कि उनकी मार्कशीट फर्जी है। ऐसे कई शिक्षक हैं जिन्होंने मैनेजमेंट से बीएड किया था और विधिवत परीक्षा देकर मार्कशीट हासिल की थी लेकिन अब उन्हें फर्जी शिक्षक घोषित किया जा रहा है।
इसका कारण यह है कि संबंधित महाविद्यालय ने धारण क्षमता से अधिक प्रवेश दिलाकर डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि से सांठ-गांठ कर मार्कशीट भी जारी करा ली। ऐसे में छात्र को पता ही नहीं चल सका कि वह जिस महाविद्यालय से बीएड कर रहा है।
बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ और शिक्षकों के फर्जी होने की जानकारी मिली है। जिनके संबंध में खंड शिक्षाधिकारियों से वार्ता कर अभिलेख मांगे गए है। जिले में फर्जी शिक्षकों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है।
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शुक्रवार को बीएसए कार्यालय में इन शिक्षकों की जांच का कार्य तेजी के साथ चलता रहा। सभी खंड शिक्षाधिकारियों के साथ बीएसए भी जांच कार्य कराने में व्यस्त रहे। गोपनीय स्थान पर बंद कमरे में बीएसए ने फर्जी शिक्षकों की जांच कराई। अब तक 77 शिक्षकों को सेवा समाप्ति के नोटिस जारी किए जा चुके हैं। दो दर्जन की जांच अभी जारी है।
फर्जी बीएड शिक्षक मामले में कई शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्हें यह जानकारी नहीं है कि उनकी मार्कशीट फर्जी है। ऐसे कई शिक्षक हैं जिन्होंने मैनेजमेंट से बीएड किया था और विधिवत परीक्षा देकर मार्कशीट हासिल की थी लेकिन अब उन्हें फर्जी शिक्षक घोषित किया जा रहा है।
इसका कारण यह है कि संबंधित महाविद्यालय ने धारण क्षमता से अधिक प्रवेश दिलाकर डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि से सांठ-गांठ कर मार्कशीट भी जारी करा ली। ऐसे में छात्र को पता ही नहीं चल सका कि वह जिस महाविद्यालय से बीएड कर रहा है।
बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ और शिक्षकों के फर्जी होने की जानकारी मिली है। जिनके संबंध में खंड शिक्षाधिकारियों से वार्ता कर अभिलेख मांगे गए है। जिले में फर्जी शिक्षकों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है।
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