गोंडा। आगरा विश्वविद्यालय की बीएड की मार्क्सशीट मेेें फर्जीवाड़े की एसआईटी जांच के बाद जालसाजी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। इसी विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट पर जिले में नौ शिक्षक नौकरी करते हुए पाए गए हैं। जांच के दौरान इसका खुलासा हुआ है।
इन शिक्षकों में से दो अध्यापक अपना तबादला कराकर गैर जनपद जा चुके है, जबकि दो शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। बीएसए ने इन शिक्षकों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। साथ ही इसकी सूचना शासन को भी भेजी है।
बीएड सत्र 2004-05 में आगरा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणामों में जमकर हेराफेरी की गई थी। इस हेराफेरी में करीब 4500 छात्र-छात्राओं को फर्जी मार्क्सशीट जारी कर दी गई थी। इनमें अधिकतर लोग बेसिक शिक्षा विभाग में होने वाली शिक्षक भर्ती में सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल कर चुके हैं और अभी भी नौकरी कर रहे हैं। एसआईटी की जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर शासन ने पूरे प्रदेश में आगरा विश्वविद्यालय सेे बीएड सत्र 2004-05 में जारी की गई डिग्री की जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच में जिले के नौ शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। दो शिक्षक तो ऐसे हैं, जो दूसरे के रोल नंबर पर जारी की गई मार्क्सशीट लगाकर नौकरी कर रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की जांच के मुताबिक मुजेहना के प्राथमिक विद्यालय कोल्हुआ बनकट में तैनात सहायक अध्यापक ज्ञानेंद्र सिंह की डिग्री फर्जी मिली है। छपिया के पायरखास प्राथमिक विद्यालय में नौकरी कर रहे रंजीत सिंह व मनकापुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सोरिहवा में कार्यरत सुजीत मौर्या की डिग्री भी फर्जी मिली है। इसके अतिरिक्त विशिष्ट बीटीसी 2008 में झंझरी शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पिपरा पदुम में सहायक अध्यापक की नौकरी हथियाने वाली रेनू कटियार की मार्क्सशीट पर दर्ज रोल नंबर अनिल प्रकाश के नाम पर दर्ज पाया गया है। इसी तरह से विशिष्ट बीटीसी 2007 में सहायक अध्यापक बनी रंजना अवस्थी का बीएड अंकपत्र पर दर्ज रोल नंबर ऊषा यादव के नाम पर दर्ज होना पाया गया है। यह दोनों शिक्षिकाएं अपना तबादला कराकर गैर जनपद जा चुकी हैं। विशिष्ट बीटीसी 2007 में तैनाती पाने वाली अंजू कुमार मोहरे व शैलकुमारी देवी की डिग्री भी फर्जी मिली है। यह दोनों भी अपना तबादला गैर जनपद करा चुकी हैं। इसके अलावा अशोक कुमार व जितेंद्र कुमार की डिग्री भी फर्जी मिली हैं। हालांकि इन दोनों को टीईटी मार्क्सशीट के फर्जीवाड़े में पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया जिले में कार्यरत तीन शिक्षकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है। साथ ही इसकी सूचना शासन को भेजी जा रही है।
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इन शिक्षकों में से दो अध्यापक अपना तबादला कराकर गैर जनपद जा चुके है, जबकि दो शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। बीएसए ने इन शिक्षकों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। साथ ही इसकी सूचना शासन को भी भेजी है।
बीएड सत्र 2004-05 में आगरा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणामों में जमकर हेराफेरी की गई थी। इस हेराफेरी में करीब 4500 छात्र-छात्राओं को फर्जी मार्क्सशीट जारी कर दी गई थी। इनमें अधिकतर लोग बेसिक शिक्षा विभाग में होने वाली शिक्षक भर्ती में सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल कर चुके हैं और अभी भी नौकरी कर रहे हैं। एसआईटी की जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर शासन ने पूरे प्रदेश में आगरा विश्वविद्यालय सेे बीएड सत्र 2004-05 में जारी की गई डिग्री की जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच में जिले के नौ शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। दो शिक्षक तो ऐसे हैं, जो दूसरे के रोल नंबर पर जारी की गई मार्क्सशीट लगाकर नौकरी कर रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की जांच के मुताबिक मुजेहना के प्राथमिक विद्यालय कोल्हुआ बनकट में तैनात सहायक अध्यापक ज्ञानेंद्र सिंह की डिग्री फर्जी मिली है। छपिया के पायरखास प्राथमिक विद्यालय में नौकरी कर रहे रंजीत सिंह व मनकापुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सोरिहवा में कार्यरत सुजीत मौर्या की डिग्री भी फर्जी मिली है। इसके अतिरिक्त विशिष्ट बीटीसी 2008 में झंझरी शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पिपरा पदुम में सहायक अध्यापक की नौकरी हथियाने वाली रेनू कटियार की मार्क्सशीट पर दर्ज रोल नंबर अनिल प्रकाश के नाम पर दर्ज पाया गया है। इसी तरह से विशिष्ट बीटीसी 2007 में सहायक अध्यापक बनी रंजना अवस्थी का बीएड अंकपत्र पर दर्ज रोल नंबर ऊषा यादव के नाम पर दर्ज होना पाया गया है। यह दोनों शिक्षिकाएं अपना तबादला कराकर गैर जनपद जा चुकी हैं। विशिष्ट बीटीसी 2007 में तैनाती पाने वाली अंजू कुमार मोहरे व शैलकुमारी देवी की डिग्री भी फर्जी मिली है। यह दोनों भी अपना तबादला गैर जनपद करा चुकी हैं। इसके अलावा अशोक कुमार व जितेंद्र कुमार की डिग्री भी फर्जी मिली हैं। हालांकि इन दोनों को टीईटी मार्क्सशीट के फर्जीवाड़े में पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया जिले में कार्यरत तीन शिक्षकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है। साथ ही इसकी सूचना शासन को भेजी जा रही है।
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