देवरिया। वेतन बाधित किए जाने पर शिक्षकों में उबाल आ गया। नाराज शिक्षक
डीआईओएस कार्यालय में हंगामा किए। माहौल देख कर कुछ कर्मचारी भाग निकले।
ताला बंद कर नाराजगी जताई। फिलहाल किसी तरह मामला शांत हुआ।
माध्यमिक शिक्षक संघ का आरोप है कि बीआरडी इंटर कॉलेज में टीईटी परीक्षा में महकमा के एक बाबू का करीबी का भी सेंटर था, शिक्षकों ने नकल नहीं कराया। इसके चलते वह बाबु रंजिश रखने लगा। साजिश रच कर बीआरडी इंटर कॉलेज समेत अन्य शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। इसके विरोध में शिक्षक सोमवार को डीआईओएस कार्यालय परिसर में एकत्र हुए। कर्मचारियों से वेतन रोकने की वजह पूछी। एक क्लर्क ने रूखा जवाब दिया। इसके बाद शिक्षक नाराज हो गए और कर्मचारियों को दौड़ा लिया। इसके बाद उन लोगों ने दफ्तर को खाली कराकर ताला बंद कर दिया। शिक्षकों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा दफ्तर में अव्यवस्था का बोलबाला है। बिना रकम दिए कोई काम नहीं होता है। अधिकारियों की शह पर बाबुओं का मनोबल बढ़ गया है। किसी भी काम के लिए बेवजह अड़ंगा डाला जाता है। प्रदर्शन में अजीत त्रिपाठी, हरेराम तिवारी, हरिहर पांडेय, धर्मप्रकाश तिवारी, अविनेश सिंह, दिवाकर पाठक, विनय तिवारी, प्रदीप राय, रामयादि सिंह, अनिल मिश्र आदि रहे। अराजकता बर्दाश्त नहीं, कार्रवाई तय शिक्षकों के आंदोलन को महकमा ने अनुशासनहीनता माना है। देर शाम को दफ्तर पहुंचें डीआईओएस शिवचंद्र राम ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसी तरह गलत कार्य का दबाव बनाया जा रहा था तो अवगत कराना चाहिए। बिल्कुल गलत बात है। किसने दफ्तर में तालाबंदी की इजाजत दे दी है। वेतन की बात तो जिसका बिल पहले आता है उसे भुगतान कर दिया जाता है। शिक्षकों को चिह्नित कर प्रधानाचार्यों के जरिए नोटिस भेजा जाएगा। स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर कार्रवाई तय है।
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माध्यमिक शिक्षक संघ का आरोप है कि बीआरडी इंटर कॉलेज में टीईटी परीक्षा में महकमा के एक बाबू का करीबी का भी सेंटर था, शिक्षकों ने नकल नहीं कराया। इसके चलते वह बाबु रंजिश रखने लगा। साजिश रच कर बीआरडी इंटर कॉलेज समेत अन्य शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। इसके विरोध में शिक्षक सोमवार को डीआईओएस कार्यालय परिसर में एकत्र हुए। कर्मचारियों से वेतन रोकने की वजह पूछी। एक क्लर्क ने रूखा जवाब दिया। इसके बाद शिक्षक नाराज हो गए और कर्मचारियों को दौड़ा लिया। इसके बाद उन लोगों ने दफ्तर को खाली कराकर ताला बंद कर दिया। शिक्षकों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा दफ्तर में अव्यवस्था का बोलबाला है। बिना रकम दिए कोई काम नहीं होता है। अधिकारियों की शह पर बाबुओं का मनोबल बढ़ गया है। किसी भी काम के लिए बेवजह अड़ंगा डाला जाता है। प्रदर्शन में अजीत त्रिपाठी, हरेराम तिवारी, हरिहर पांडेय, धर्मप्रकाश तिवारी, अविनेश सिंह, दिवाकर पाठक, विनय तिवारी, प्रदीप राय, रामयादि सिंह, अनिल मिश्र आदि रहे। अराजकता बर्दाश्त नहीं, कार्रवाई तय शिक्षकों के आंदोलन को महकमा ने अनुशासनहीनता माना है। देर शाम को दफ्तर पहुंचें डीआईओएस शिवचंद्र राम ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसी तरह गलत कार्य का दबाव बनाया जा रहा था तो अवगत कराना चाहिए। बिल्कुल गलत बात है। किसने दफ्तर में तालाबंदी की इजाजत दे दी है। वेतन की बात तो जिसका बिल पहले आता है उसे भुगतान कर दिया जाता है। शिक्षकों को चिह्नित कर प्रधानाचार्यों के जरिए नोटिस भेजा जाएगा। स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर कार्रवाई तय है।
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