रायबरेली : साल 2017 में शिक्षा विभाग शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया
और बोर्ड परीक्षा के केंद्रों में ही सिमटा रहा। जिला विद्यालय निरीक्षक
कार्यालय में पूरे साल इलाहाबाद बोर्ड से गाइड लाइन आती रही और विभाग
केंद्रों को चिन्हित करने में माथा पच्ची करता रहा।
कई बार फाइल बनी, रिपोर्ट तैयार की गयी लेकिन फिर क्रास चे¨कग के कारण सारी कवायद धरी रह गयी। समायोजन का हाल यह रहा कि सूची निकाल दी गयी लेकिन बाद में शासन के आदेश पर प्रक्रिया को रोक दिया गया। ऐसे में जिन शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी वह भी अधर में फंस गए।
ऐसा पहली बार हुआ
इलाहाबाद बोर्ड ने पहली बार सभी स्कूलों की गूगल पै¨मग कराकर डाटा मांगा। हालांकि डाटा भेजने में रायबरेली पूरे प्रदेश में अव्वल रहा। गूगल मै¨पग के साथ स्कूलों की सी¨टग व्यवस्था पर भी नजर की गयी। जिले की 36 टीमों ने स्कूलों का निरीक्षण किया तथा बोर्ड को सूचना दी गयी। जिस पर अक्टूबर में फिर क्रास चे¨कग हुई और 104 केंद्रों की अनंतिम सूची फाइनल की गयी। बाद में यह सूची 115 तक हो गयी।
50 साल के शिक्षकों की मांगी गयी कुंडली
शासन ने आदेश जारी किया कि जो 50 साल के पार शिक्षक हैं इनकी पूरी जानकारी दी जाए। सर्विस बुक के रिकार्ड मांगे गए थे। जिससे हड़कंप मच गया था। हालांकि यह प्रक्रिया अभी लंबित चल रही है।
2.42 लाख बच्चों को आधार से जुड़ना था
मिड डे मील व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए शासन के आदेश पर 2.42 लाख बच्चों को आधार से जोड़ना था। इस मामले में अभी तक सारे बच्चे आधार से नहीं जुड़ सके। ऐसे में मिड डे मील व्यवस्था पूरी साल जैसे-तैसे चलती रही।
शिक्षामित्रों ने किया आंदोलन
कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों ने सहायक शिक्षक बनने को लेकर अगस्त में जमकर आंदोलन किया। इस कारण जिले की शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित रही। जिले के करीब 2404 शिक्षा मित्र आंदोलन पर रहे। बाद में सीएम से जब शिक्षामित्र के संगठन की बैठक हुई तो मामला शांत हो सका।
परवान नहीं चढ़ सका डीएम का आदेश
अप्रैल में तत्कालीन डीएम अभय ¨सह ने 37 टीमों को हर दिन स्कूलों के निरीक्षण के निर्देश दिए थे। यह कार्रवाई महज एक सप्ताह चली उसके बाद उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब गाहे-बगाहे ही स्कूलों का निरीक्षण होता है।
जिला विद्यालय निरीक्षक पर हुआ हमला
जिले में सितंबर माह में जिला विद्यालय निरीक्षक गिरधारी लाल कोली पर कार्यालय के बाहर हमला किया गया। इसके बाद इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामला एक स्कूल के प्रबंधतंत्र से जुड़ा था।
बच्चों को नहीं मिल सकी किताबें
शिक्षा सत्र जिले में अप्रैल से शुरू हो गया लेकिन बच्चों को अक्टूबर तक पूरी किताब नहीं मिल सकी इस कारण तिमाही परीक्षा पूरी तरह नकल से करायी गयी। छमाही परीक्षा में भी यही हालत बने हुए हैं।
पैसा न मिलने से फल वितरण ठप
परिषदीय स्कूलों में पिछले छह माह से फल व बिस्कुट वितरण ठप पड़ा है। शासन से बजट नहीं भेजा गया है। पुरानी सपा सरकार में यह योजना तेजी से चलती रही लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद योजना कुंद पड़ गयी।
आश्रम पद्धति स्कूल के छात्रों ने किया प्रदर्शन
अगस्त मे शेषपुर समोधा बछरावां स्थित आश्रम पद्धति स्कूल के छात्रों ने बछरावां विधायक राम नरेश रावत के घर पर प्रदर्शन किया था। आरोप था कि उन्हें समुचित सुविधा नहीं दी जा रही है वहीं शिक्षक गणित व विज्ञान नहीं पढ़ाते हैं इस पर विधायक व डीएम ने जांच कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
कई बार फाइल बनी, रिपोर्ट तैयार की गयी लेकिन फिर क्रास चे¨कग के कारण सारी कवायद धरी रह गयी। समायोजन का हाल यह रहा कि सूची निकाल दी गयी लेकिन बाद में शासन के आदेश पर प्रक्रिया को रोक दिया गया। ऐसे में जिन शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी वह भी अधर में फंस गए।
ऐसा पहली बार हुआ
इलाहाबाद बोर्ड ने पहली बार सभी स्कूलों की गूगल पै¨मग कराकर डाटा मांगा। हालांकि डाटा भेजने में रायबरेली पूरे प्रदेश में अव्वल रहा। गूगल मै¨पग के साथ स्कूलों की सी¨टग व्यवस्था पर भी नजर की गयी। जिले की 36 टीमों ने स्कूलों का निरीक्षण किया तथा बोर्ड को सूचना दी गयी। जिस पर अक्टूबर में फिर क्रास चे¨कग हुई और 104 केंद्रों की अनंतिम सूची फाइनल की गयी। बाद में यह सूची 115 तक हो गयी।
50 साल के शिक्षकों की मांगी गयी कुंडली
शासन ने आदेश जारी किया कि जो 50 साल के पार शिक्षक हैं इनकी पूरी जानकारी दी जाए। सर्विस बुक के रिकार्ड मांगे गए थे। जिससे हड़कंप मच गया था। हालांकि यह प्रक्रिया अभी लंबित चल रही है।
2.42 लाख बच्चों को आधार से जुड़ना था
मिड डे मील व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए शासन के आदेश पर 2.42 लाख बच्चों को आधार से जोड़ना था। इस मामले में अभी तक सारे बच्चे आधार से नहीं जुड़ सके। ऐसे में मिड डे मील व्यवस्था पूरी साल जैसे-तैसे चलती रही।
शिक्षामित्रों ने किया आंदोलन
कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों ने सहायक शिक्षक बनने को लेकर अगस्त में जमकर आंदोलन किया। इस कारण जिले की शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित रही। जिले के करीब 2404 शिक्षा मित्र आंदोलन पर रहे। बाद में सीएम से जब शिक्षामित्र के संगठन की बैठक हुई तो मामला शांत हो सका।
परवान नहीं चढ़ सका डीएम का आदेश
अप्रैल में तत्कालीन डीएम अभय ¨सह ने 37 टीमों को हर दिन स्कूलों के निरीक्षण के निर्देश दिए थे। यह कार्रवाई महज एक सप्ताह चली उसके बाद उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब गाहे-बगाहे ही स्कूलों का निरीक्षण होता है।
जिला विद्यालय निरीक्षक पर हुआ हमला
जिले में सितंबर माह में जिला विद्यालय निरीक्षक गिरधारी लाल कोली पर कार्यालय के बाहर हमला किया गया। इसके बाद इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामला एक स्कूल के प्रबंधतंत्र से जुड़ा था।
बच्चों को नहीं मिल सकी किताबें
शिक्षा सत्र जिले में अप्रैल से शुरू हो गया लेकिन बच्चों को अक्टूबर तक पूरी किताब नहीं मिल सकी इस कारण तिमाही परीक्षा पूरी तरह नकल से करायी गयी। छमाही परीक्षा में भी यही हालत बने हुए हैं।
पैसा न मिलने से फल वितरण ठप
परिषदीय स्कूलों में पिछले छह माह से फल व बिस्कुट वितरण ठप पड़ा है। शासन से बजट नहीं भेजा गया है। पुरानी सपा सरकार में यह योजना तेजी से चलती रही लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद योजना कुंद पड़ गयी।
आश्रम पद्धति स्कूल के छात्रों ने किया प्रदर्शन
अगस्त मे शेषपुर समोधा बछरावां स्थित आश्रम पद्धति स्कूल के छात्रों ने बछरावां विधायक राम नरेश रावत के घर पर प्रदर्शन किया था। आरोप था कि उन्हें समुचित सुविधा नहीं दी जा रही है वहीं शिक्षक गणित व विज्ञान नहीं पढ़ाते हैं इस पर विधायक व डीएम ने जांच कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines