इलाहाबाद: प्रदेश भर के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को तैनाती देने के लिए नियमावली में संशोधन भी हो गया है।
इससे कालेजों के रिक्त पदों पर अब विद्यालय प्रबंधक व जिला विद्यालय निरीक्षक मिलकर अपने चहेतों को नियुक्ति नहीं दे सकेंगे, बल्कि रिटायर शिक्षक को ही मानदेय पर रखना होगा। इस कदम से भले ही तात्कालिक रूप से युवाओं से पद छिन रहा हो लेकिन, दीर्घकालिक व्यवस्था में पद हड़पने की प्रक्रिया पर प्रभावी विराम लगना तय है।
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक या फिर प्रवक्ता का पद रिक्त होने पर कालेज के प्रबंधक व जिला विद्यालय निरीक्षक मिलकर चहेतों को आसानी से नियुक्ति देते रहे हैं। बाद में अंशकालिक के रूप में नियुक्ति पाने वाले कालेज प्रबंधन या फिर न्यायालय से आदेश लेकर नियमित हो जाते थे। यही नहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र को ऐसे कालेजों से रिक्त पदों का अधियाचन भी नहीं आता था। कई बार अधियाचन भेजने के बाद भी चयनित अभ्यर्थी को कालेज यह कहकर लौटाते रहे हैं कि संबंधित पद भर गया है। ऐसे करीब सात सौ मामले सामने आ चुके हैं। 1वहीं, पिछले दिनों 2009 सामाजिक विज्ञान का अंतिम परिणाम जारी करते समय चयन बोर्ड ने खुद स्वीकार किया है कि उसकी ओर से विज्ञापन 604 पदों का निकाला गया और पदों का सत्यापन कराने पर यह संख्या मात्र 547 रह गई। अशासकीय कालेजों की जुगाड़ से नियुक्ति पर योगी सरकार ने शिकंजा कस दिया है। बीते अक्टूबर माह में माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने अशासकीय कालेजों के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश जारी किया। उसी को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नियमावली में संशोधन भी किया है।
संशोधित विनियम
सहायक अध्यापक या प्रवक्ता के आकस्मिक निधन, सेवाच्युत, सेवानिवृत्ति से पद रिक्त होने पर अल्पकालिक व्यवस्था के तहत उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित अभ्यर्थी आने या फिर एक जुलाई से ग्रीष्मावकाश होने की अवधि तक जो भी पहले घटित होती हो तक के लिए अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त सहायक अध्यापक व प्रवक्ता के पद नियुक्ति के लिए 70 वर्ष तक की आयु के सेवानिवृत्त शिक्षक व प्रवक्ताओं का बालक व बालिका विद्यालय के लिए जिले स्तर पर अलग-अलग पूल बनाया जाए। रिटायर शिक्षकों को शासन की ओर से तय मानदेय का भुगतान करेगा। 1
पहले का नियम
जहां अध्यापक के पद में कोई रिक्ति छह माह से अधिक अवधि की छुट्टी प्रदान किए जाने के कारण हुई हो या कोई शिक्षक निलंबित हुआ हो और निलंबन अवधि छह माह से अधिक हो जाने की संभावना हो तो वहां पर पद सीधी भर्ती या फिर पदोन्नति करके अस्थायी रूप से भरा जा सकता है।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
इससे कालेजों के रिक्त पदों पर अब विद्यालय प्रबंधक व जिला विद्यालय निरीक्षक मिलकर अपने चहेतों को नियुक्ति नहीं दे सकेंगे, बल्कि रिटायर शिक्षक को ही मानदेय पर रखना होगा। इस कदम से भले ही तात्कालिक रूप से युवाओं से पद छिन रहा हो लेकिन, दीर्घकालिक व्यवस्था में पद हड़पने की प्रक्रिया पर प्रभावी विराम लगना तय है।
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक या फिर प्रवक्ता का पद रिक्त होने पर कालेज के प्रबंधक व जिला विद्यालय निरीक्षक मिलकर चहेतों को आसानी से नियुक्ति देते रहे हैं। बाद में अंशकालिक के रूप में नियुक्ति पाने वाले कालेज प्रबंधन या फिर न्यायालय से आदेश लेकर नियमित हो जाते थे। यही नहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र को ऐसे कालेजों से रिक्त पदों का अधियाचन भी नहीं आता था। कई बार अधियाचन भेजने के बाद भी चयनित अभ्यर्थी को कालेज यह कहकर लौटाते रहे हैं कि संबंधित पद भर गया है। ऐसे करीब सात सौ मामले सामने आ चुके हैं। 1वहीं, पिछले दिनों 2009 सामाजिक विज्ञान का अंतिम परिणाम जारी करते समय चयन बोर्ड ने खुद स्वीकार किया है कि उसकी ओर से विज्ञापन 604 पदों का निकाला गया और पदों का सत्यापन कराने पर यह संख्या मात्र 547 रह गई। अशासकीय कालेजों की जुगाड़ से नियुक्ति पर योगी सरकार ने शिकंजा कस दिया है। बीते अक्टूबर माह में माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने अशासकीय कालेजों के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश जारी किया। उसी को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नियमावली में संशोधन भी किया है।
संशोधित विनियम
सहायक अध्यापक या प्रवक्ता के आकस्मिक निधन, सेवाच्युत, सेवानिवृत्ति से पद रिक्त होने पर अल्पकालिक व्यवस्था के तहत उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित अभ्यर्थी आने या फिर एक जुलाई से ग्रीष्मावकाश होने की अवधि तक जो भी पहले घटित होती हो तक के लिए अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त सहायक अध्यापक व प्रवक्ता के पद नियुक्ति के लिए 70 वर्ष तक की आयु के सेवानिवृत्त शिक्षक व प्रवक्ताओं का बालक व बालिका विद्यालय के लिए जिले स्तर पर अलग-अलग पूल बनाया जाए। रिटायर शिक्षकों को शासन की ओर से तय मानदेय का भुगतान करेगा। 1
पहले का नियम
जहां अध्यापक के पद में कोई रिक्ति छह माह से अधिक अवधि की छुट्टी प्रदान किए जाने के कारण हुई हो या कोई शिक्षक निलंबित हुआ हो और निलंबन अवधि छह माह से अधिक हो जाने की संभावना हो तो वहां पर पद सीधी भर्ती या फिर पदोन्नति करके अस्थायी रूप से भरा जा सकता है।
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