गजरौला : रेलवे व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर तीन
लोगों ने मिलकर लाखों रुपये हड़प लिए। इस मामले की रिपोर्ट पुलिस ने कोर्ट
के आदेश पर पति-पत्नी सहित तीन लोगों के खिलाफ दर्ज की है।
हालांकि आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इन आरोपियों में एक महिला रेलवे में टीटी है तो दूसरा पुलिस कांस्टेबिल है।
क्षेत्र के गांव बलदाना अजगर अली निवासी ऋषिपाल ¨सह के पुत्र रोहित का आरोप है कि उसने अपने जीजा राजीव के कहने पर जिला बिजनौर के थाना चांदपुर के गांव शेखुपुरा निवासी मुनेंद्र ¨सह, उसकी पत्नी मोनिका ¨सह चौधरी (जो वर्तमान में लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर टीटी के पद पर तैनात है) व साले मुनीस नामक पुलिस कांस्टेबल को नौकरी के लिए 7 लाख रुपये दिए थे। बछरायूं के गांव शहदपुर निवासी दिव्यांग हितेश को भी दिव्यांग कोटे से रेलवे में क्लर्क बनाने के 7 लाख रुपये लेने का आरोप है। इसके साथ ही आरोप है कि थाना नौगावां सादात के गांव सिरसा जट निवासी अनु से 3 लाख, अमरोहा देहात के गांव रामहट निवासी नेहा से 3 लाख, गांव अदलपुर निवासी अमित से भी 3 लाख, गांव खेड़की भूड़ निवासी ¨पटू से साढ़े 3 लाख, बछरायूं के गांव कौराला निवासी अमरजीत से 7 लाख 40 हजार, जोया निवासी हिमांशु से 2 लाख, गांव प्रथीपुर निवासी शुभम से कृषि विभाग में नौकरी दिलाने के लिए 6 लाख, गांव भेड़ा भरतपुर निवासी कपिल से 6 लाख, गांव ककराला निवासी सीमा से शिक्षा विभाग में दिलाने के लिए 3 लाख, गांव गालिब बड़ा निवासी कुलदीप से 3 लाख यानी लगभग 10-12 लोगों से 40 लाख रुपये लेकर फरार हो गए।
गांव बलदाना अजगर अली निवासी रोहित का कहना है कि इस गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब आरोपियों द्वारा रेलवे बोर्ड दिल्ली कार्यालय में ज्वाइन लेटर दिया और वहां पहुंचने पर विभाग के लोगों ने उसे फर्जी करार दिया। इसके बाद उसने 21 अगस्त 17 को पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। बाद में उसने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर यह मामला दर्ज हुआ है।
थानाध्यक्ष अर¨वद मोहन शर्मा ने बताया कि इस मामले में पुलिस विवेचना कर सच्चाई का पता लगा रही है।
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हालांकि आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इन आरोपियों में एक महिला रेलवे में टीटी है तो दूसरा पुलिस कांस्टेबिल है।
क्षेत्र के गांव बलदाना अजगर अली निवासी ऋषिपाल ¨सह के पुत्र रोहित का आरोप है कि उसने अपने जीजा राजीव के कहने पर जिला बिजनौर के थाना चांदपुर के गांव शेखुपुरा निवासी मुनेंद्र ¨सह, उसकी पत्नी मोनिका ¨सह चौधरी (जो वर्तमान में लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर टीटी के पद पर तैनात है) व साले मुनीस नामक पुलिस कांस्टेबल को नौकरी के लिए 7 लाख रुपये दिए थे। बछरायूं के गांव शहदपुर निवासी दिव्यांग हितेश को भी दिव्यांग कोटे से रेलवे में क्लर्क बनाने के 7 लाख रुपये लेने का आरोप है। इसके साथ ही आरोप है कि थाना नौगावां सादात के गांव सिरसा जट निवासी अनु से 3 लाख, अमरोहा देहात के गांव रामहट निवासी नेहा से 3 लाख, गांव अदलपुर निवासी अमित से भी 3 लाख, गांव खेड़की भूड़ निवासी ¨पटू से साढ़े 3 लाख, बछरायूं के गांव कौराला निवासी अमरजीत से 7 लाख 40 हजार, जोया निवासी हिमांशु से 2 लाख, गांव प्रथीपुर निवासी शुभम से कृषि विभाग में नौकरी दिलाने के लिए 6 लाख, गांव भेड़ा भरतपुर निवासी कपिल से 6 लाख, गांव ककराला निवासी सीमा से शिक्षा विभाग में दिलाने के लिए 3 लाख, गांव गालिब बड़ा निवासी कुलदीप से 3 लाख यानी लगभग 10-12 लोगों से 40 लाख रुपये लेकर फरार हो गए।
गांव बलदाना अजगर अली निवासी रोहित का कहना है कि इस गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब आरोपियों द्वारा रेलवे बोर्ड दिल्ली कार्यालय में ज्वाइन लेटर दिया और वहां पहुंचने पर विभाग के लोगों ने उसे फर्जी करार दिया। इसके बाद उसने 21 अगस्त 17 को पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। बाद में उसने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर यह मामला दर्ज हुआ है।
थानाध्यक्ष अर¨वद मोहन शर्मा ने बताया कि इस मामले में पुलिस विवेचना कर सच्चाई का पता लगा रही है।
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