परिषद मुख्यालय के सामने बेमियादी धरना शुरू हो गया
है। प्रशिक्षुओं का कहना है कि इस बार वह आदेश जारी होने के बाद ही यहां से हटेंगे। प्रशिक्षुओं ने इसके पहले 25 दिन धरना और सात दिन अनशन किया था। 10 अक्टूबर को परिषद सचिव ने उसे खत्म कराया था लेकिन, तीन माह में भी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 के तहत 2016 में चयनित 803 अभ्यर्थियों को सूबे के 28 विभिन्न जिलों में तैनाती मिली। प्रशिक्षु शिक्षकों ने वहां छह माह का सैद्धांतिक व इतने ही दिन का क्रियात्मक प्रशिक्षण पूरा किया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने प्रशिक्षु शिक्षक की लिखित परीक्षा कराकर उसका परिणाम भी 30 अगस्त को जारी कर दिया। नियमानुसार परिणाम घोषित होने के एक माह के अंदर प्रशिक्षु शिक्षकों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त होना चाहिए लेकिन, पांच माह बीतने के बाद भी उनकी कोई सुधि नहीं ले रहा है, बल्कि उन्हें मौलिक नियुक्ति पाने की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। यह हाल तब है जब वह सारी अर्हताएं पूरी कर चुके हैं। धरना दे रहे संदीप पांडेय, पुष्पेंद्र सिंह, भानु प्रताप सिंह आदि ने बताया कि लंबे समय से उन्हें मौलिक नियुक्ति करने का आश्वासन मिल रहा है। वह परिषद मुख्यालय से लेकर शासन तक की परिक्रमा करते थक चुके हैं ऐसे में हारकर यहां डेरा डाल दिया है। करीब डेढ़ सौ प्रशिक्षु धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि इस बार नियुक्ति का आदेश जारी होने पर ही आंदोलन खत्म होगा।
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