इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के उन प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक जाने
में रुचि नहीं ले रहे हैं, जो अंग्रेजी माध्यम से संचालित होने हैं। प्रदेश
में बड़ी संख्या में ऐसे विकासखंड हैं, जहां के शिक्षकों ने इन स्कूलों
में नियुक्ति पाने का आवेदन ही नहीं किया है।
ऐसे में अब डीएम व बेसिक
शिक्षा अधिकारी जबरन दूसरे विद्यालयों के
शिक्षकों को भेजेंगे। 1प्रदेश सरकार ने कांवेंट
स्कूलों की ओर अभिभावकों का रुझान घटाने के लिए परिषद के प्राथमिक स्कूलों
को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश भर में पांच
हजार ऐसे विद्यालय नए सत्र से संचालित होने हैं। हर विकासखंड में पांच
स्कूलों का चयन तो खंड शिक्षा अधिकारियों ने जैसे-तैसे पूरा कर लिया है
लेकिन, विज्ञप्ति निकालने के बाद भी वहां पढ़ाने के लिए शिक्षक रुख नहीं कर
रहे हैं। कुछ विकासखंडों को छोड़कर अधिकांश में शिक्षकों ने गिने-चुने ही
आवेदन किए हैं, कम आवेदनों से स्कूलों का संचालन होना संभव नहीं है। विभाग
की सोच रही है कि इन स्कूलों में जाने को शिक्षक उतावले होंगे इसीलिए आवेदन
मांगे गए थे लेकिन, मानक से भी कम आवेदन से अफसरों की परेशानी बढ़ गई है।
बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय इसकी गाइड लाइन व शिक्षा निदेशक बेसिक टाइम
लाइन जारी कर चुके हैं। उसके तहत 28 फरवरी तक शिक्षकों का चयन पूरा करना है
और अगले माह उन्हें प्रशिक्षित किया जाना है। अफसर अब खुद ही ऐसे शिक्षकों
की खोज करके उन्हें जबरन नए स्कूलों में भेजेंगे। कुछ जिलों में डीएम ने
बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अच्छे शिक्षकों को सूचीबद्ध करने को भी कहा है,
वहीं तमाम खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को बुलाकर आवेदन करने का निर्देश
भी दे रहे हैं। ज्ञात हो कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कक्षा एक से तीन
तक पढ़ाई लिखाई अंग्रेजी में ही होगी, जबकि कक्षा चार व पांच में हंिदूी व
अंग्रेजी दोनों तरह से पढ़ाई होगी।
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