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मानदेय भुगतान सहित विभिन्न मांगों को लेकर दूसरे दिन भी शिक्षामित्रों की जारी रखी हड़ताल

अमर उजाला ब्यूरो, कौशाम्बी  मानदेय भुगतान सहित विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षामित्रों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। गुरुवार को दिनभर की हड़ताल के बाद शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम मनीष कुमार वर्मा को सौंपते हुए मांगे पूरी करने की मांग की।

समायोजन रद्द होने के बाद से अब तक शिक्षामित्रों को शासन द्वारा निर्धारित मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। बार-बार मांग के बावजूद मानदेय नहीं मिलने पर अब शिक्षामित्रों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। हड़ताल के दूसरे दिन डायट मैदान में एकत्रित हुए शिक्षामित्रों ने सूबे की योगी सरकार को विधान सभा चुनाव के दौरान लिए गए संकल्प की याद दिलाई। अंत में मुख्यमंत्री को संबोधित छह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन डीएम मनीष कुमार वर्मा को सौंपा।

ज्ञापन में उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर शिक्षामित्रों को न्यूनतम अर्हता प्राप्त करने हेतु चार वर्षों की छूट दिए जाने, 65 हजार भर्ती प्रक्रिया में आवेदित शिक्षामित्रों को शैक्षणिक मेरिट के आधार पर निर्विवाद रूप से सहायक अध्यापक बनाने सहित छह मांगे शामिल हैं।  ज्ञापन देने वालों में शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष रत्नाकर सिंह के अलावा विद्याचरण शुक्ल, वीरेंद्र केसरवानी, मो. इरफान, शिव शंकर यादव, देवनाथ, भोलानाथ कुशवाहा, आशाकांत शुक्ल, सुरेश कुमार, धनंजय ओझा, सुचित्रा विश्वकर्मा आदि शिक्षामित्र मौजूद रहे।

कौशांबी ब्लॉक के फैजुल्लापुर निवासी एक छात्र को स्कूल प्रबंधक व कक्षा अध्यापक ने परीक्षा में नहीं बैठने दिया। परीक्षा के दौरान उसे विद्यालय से बाहर भी नहीं जाने दिया। इसके बाद उसे धमकी देकर भगा दिया। छात्र के अभिभावक ने गुरुवार को मामले की शिकायत बीएसए महाराज स्वामी से की है।

फैजुल्लापुर निवासी अनिल कुमार द्विवेदी का बेटा अनय द्विवेदी कनैली स्थित यूआरएस मेमोरियल पब्लिक स्कूल में कक्षा दो का छात्र है। आरोप है कि प्रबंधक एवं कक्षा अध्यापक ने चल रही परीक्षा के दौरान अनय को बैठने नहीं दिया और अंतिम समय तक कमरे में बैठाए रखा। परीक्षा खत्म होने के बाद छात्र को धमकी देकर छोड़ दिया। मामले की शिकायत गुरुवार को छात्र के पिता अनिल कुमार द्विवेदी ने बीएसए महाराज स्वामी से किया। उन्होंने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसे लेकर अभिभावक में नाराजगी है।
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