मित्रों, जैसा कि उक्त प्रकरण पर लखनऊ खण्ड पीठ के डिवीज़न बेंच के द्वारा
गठित कमेटी ने 16 विवादित प्रश्नों पर, अपना जवाब उक्त बेंच को दिनांक - 16
अप्रैल को बंद लिफाफा में प्रस्तुत कर दिया है, कल 16 अप्रैल को उक्त विषय
पर बहस हो चुकी है जिसमें कमेटी ने केवल 03 प्रश्न को ही गलत माना और 13
को सही माना है,
अब सवाल यह है, क्या सिंगल बेंच ने, जो याचियों के द्वारा
प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर 14 प्रश्नों की डिलिट करने का आदेश दिये थे,
वह साक्ष्य व प्रमाण गलत थे? क्या कमेटी का निर्णय सत्य है? उक्त दोनो
प्रकरण पर आज दिनांक -17 अप्रैल को बहस होना है. जो बड़ा ही संदिग्ध मामला
हो गया है
*टीईटी -2017 के बुकलेट.. सी सीरीज के क्रमानुसार*
*१६*- *ग्रन्थियों के आधार पर व्यक्तित्व के विभिन्न प्रकारों की चर्चा किसने की....?*
(1) क्रेशमर
(2) युंग
(3) कैनन
(4) स्प्रैन्जर
*१८*- *विद्रोह की भावना की प्रवृत्ति निम्न में से किस अवस्था से सम्बंधित है...?*
(1) बाल्यावस्था
(2) शैशवावस्था
(3) पूर्व किशोरावस्था
(4) मध्य किशोरावस्था
*१३१*- *घास भूमि के परितंत्र की खाद्य श्रृंखला में सबसे उच्च स्तर के उपभोक्ता होते है....?*
(1) शाकाहारी
(2) मांसाहारी
(3) जीवाणु
(4) मांसाहारी या शाकाहारी
*अब ये तीन मुद्दे अहम....*
1- *कमेटी के साक्ष्यों की आपत्तियों को कोर्ट को एक्सेप्ट करवाना*
2- *5 आउट ऑफ सिलेबस पर जबरदस्त रूप से अंक लेना*
3- *अनसीन पैसेज के मुद्दे को उखाड़कर कोर्ट/नियामक को बैकफुट पर लाना*
*उक्त प्रकरण का निस्तारण करने की, उक्त बेंच के द्वारा अग्रिम 20 अप्रैल
तक फैसला होने की पूरी सम्भावना है, याचियों के असंतुष्ट होने की स्थिति
में, उक्त प्रकरण सुप्रीम कोर्ट जाने की पूर्ण सम्भावना दिख रही है, यदि
उक्त प्रकरण गया तो, 68,500/- नियुक्ति प्रक्रिया बिलम्ब होने के असार बढ़
जाएंगे*
उक्त समीक्षा के साथ
*जय महाकाल*
प्रदीप पाल
जनपद -इलाहाबाद