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12460 शिक्षक भर्ती में एक ही गांव के नौ शिक्षक फर्जी, उच्च स्तरीय जांच की मांग

मथुरा: जिले में परिषदीय स्कूलों के लिए की गई शिक्षक भर्ती की जांच में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। बलदेव क्षेत्र के गांव कारव से नौ शिक्षकों की नियुक्ति की गई। जांच में इन सभी शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए गए हैं। इनमें तीन शिक्षकों की तो बल्दियत तक एक है। जिला चयन समिति ने इनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर नोटिस जारी किए हैं।

बीएसए ने काउंसिलिंग के बाद 216 नियुक्तियों के सापेक्ष 185 लोगों के नियुक्ति पत्र जारी कर दिए थे। फर्जीवाड़े की शिकायत आने पर डायट प्राचार्य की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय चयन समिति ने जांच में अभिलेखों की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में अभी तक 35 अभ्यर्थियों के अभिलेखों में फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसमें गांव कारव के नौ अभ्यर्थियों के अभिलेखों गड़बड़ी मिली है। बीटीसी की अंक तालिका और टीईटी के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। अभ्यर्थियों को जारी नोटिस की सूची में तीन नाम ऐसे सामने आए हैं जिनकी बल्दियत एक ही है। सुनील कुमार सारस्वत, पंकज कुमार सारस्वत और सुशील कुमार सारस्वत की बल्दियत लालता प्रसाद लिखा है। दो के नाम के पीछे लालता प्रसाद सारस्वत और एक नाम के पीछे लालता प्रसाद दर्शाया गया है।

ये है नौ फर्जी शिक्षक: प्रवेश कुमार, सुनील कुमार सारस्वत, लव सिंह, योगेश कुमार, पवन कुमार, अजित सिंह, रवि कुमार, पंकज कुमार सारस्वत और सुशील कुमार सारस्वत हैं।

उच्च स्तरीय जांच की मांग: अखिल भारतीय यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक उपाध्याय ने जिलाधिकारी, बेसिक शिक्षा मंत्री, सचिव बेसिक शिक्षा मंत्री सहित मुख्यमंत्री से नियुक्तियों में हुए फर्जीवाड़े की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। शासन को प्रेषित शिकायत में कहा कि भर्ती का प्रदेश में 12460 नियुक्तियों में बड़े स्तर पर धांधली सामने आई है, जिससे सरकार और विभाग की साख पर सवाल खड़ा हो रहा है। मथुरा में बड़ी संख्या में फर्जी आवेदक सामने आए हैं।

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