इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक यानि टीजीटी की दूसरी
आंसर शीट जारी किए जाने पर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र और राज्य
सरकार से जवाब-तलब किया है। इसी मामले में दाखिल एक अन्य याचिका कोर्ट ने
याचीगण की आपत्तियों का निर्णय लेने के आदेश के साथ निस्तारित कर दी है।
याचिकाओं पर न्यायमूर्ति एके मिश्र ने की।
1अरुण कुमार यादव व अन्य तथा
दीपक कुमार गिरी व अन्य ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर टीजीटी हंिदूी
प्रश्नपत्र में पूछे गए कई सवालों पर आपत्ति की है। याचीगण के अधिवक्ता का
कहना था कि टीजीटी हंिदूी के 158 पदों की लिखित परीक्षा 17 जून, 2016 को
हुई। आंसर शीट एक सप्ताह बाद जारी की। इस पर याचीगण से आपत्ति मांगी गई।
संशोधित परिणाम 19 जुलाई 2017 को जारी हुआ और इसी दिन रिवाइज आंसर शीट भी
जारी कर दी गई। याचिका में चुनौती देते हुए कहा गया है कि चयन बोर्ड ने
संशोधित आंसर शीट जारी करने के साथ ही यह शर्त लगा दी थी कि इसके खिलाफ
आपत्तियां स्वीकार नहीं की जाएंगी। अप्रैल 2018 में चयन बोर्ड फिर गठित हुआ
तो याचीगणों ने आठ प्रश्नों को लेकर आपत्ति दाखिल की है, मगर इस पर अब तक
कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस पर कोर्ट ने चयन बोर्ड से जानकारी मांगी
है कि पहली आंसर शीट जारी होने के बाद किस आधार पर संशोधित आंसर शीट जारी
की गई और प्रश्नों के उत्तर बदले गए। याचिका पर अब 23 मई को होगी। इसी
मामले में दीपक कुमार गिरी आदि की याचिका कोर्ट ने यह कहते हुए निस्तारित
कर दी है कि संबंधित अभिलेख देखकर याचीगण की आपत्तियों का निस्तारण छह
सप्ताह में करें। याचिका में प्रश्नों में स्पेलिंग की गलती से सही होने पर
संदेह जताया गया है।
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