आयोग से बनाए परीक्षा केंद्र संदेह के दायरे में, सीबीआइ ने केंद्रों की सूची कब्जे में ली, पीसीएस 2015 में पेपर लीक प्रकरण में खंगाल रहे जांच अधिकारी

इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग से पांच साल में हुई भर्तियों की जांच सिर्फ इसलिए शुरू हुई थी कि दाल में कुछ काला होने का आरोप था। लेकिन, जांच में सामने आ रहा है कि पूरी दाल ही काली है।
किसी बड़े नतीजे की ओर बढ़ रहे सीबीआइ अफसरों को अब यह पता चला है कि पीसीएस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में जिन केंद्रों का निर्धारण हुआ, वह भी नियम विरुद्ध था। परीक्षा केंद्र में मानक को ताख पर रखा गया। तत्कालीन शासन भी मौन साधे रहा।
एसपी राजीव रंजन के निर्देशन में 50 से अधिक सीबीआइ अफसरों ने परीक्षा केंद्रों की सूची कब्जे में ले ली है। आयोग से यह जानकारी ली जा रही है कि परीक्षा केंद्र बनाने के नियम क्या है, केंद्र निर्धारण के लिए कौन जाता है और किन मानकों का ध्यान रखा जाता है। सीबीआइ को यह भी पता चला है कि पांच साल के दौरान कई डिबार हुए परीक्षा केंद्रों को पुन: केंद्र बनाया गया। पता लगाया जा है कि इसकी अनुमति किसने दी। परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए अंतिम रूप से कौन उत्तरदायी है। पीसीएस 2015 परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण को भी सीबीआइ ने गहन छानबीन का बिंदु बनाया है। जिस केंद्र से पेपर लीक हुआ उसके प्रबंधक और प्राचार्य कौन थे तथा उप्र लोक सेवा आयोग की इसकी क्या भूमिका थी।
ज्यादातर अनुभागों की ली गई तलाशी, कई रिकार्ड सील


इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग से हुई भर्तियों की जांच में किसी बड़े नतीजे की ओर बढ़ रही सीबीआइ ने रविवार को अचानक कई अनुभागों में पहुंचकर आवश्यक रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया। आयोग के कुल 34 अनुभागों में सीबीआइ की टीमें ज्यादातर में प्रवेश कर गईं। 

प्रतियोगी परीक्षाओं ही नहीं, सीधी भर्ती के भी कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड सील कर दिए। जिन कर्मचारियों को रविवार के अवकाश के बावजूद अनुभागों में आने के लिए पहले से कहा गया था, उनसे पूछताछ हुई। जांच टीम ने अब अनुभागवार परीक्षा प्रक्रिया के चार्ट बनाकर काम शुरू कर दिया है। एसपी राजीव रंजन के निर्देशन में करीब पांच दर्जन जांच अधिकारी कई दिनों से आयोग में हैं और अभिलेखों का परीक्षण कर रहे हैं। इस बीच पीसीएस 2015 में अभ्यर्थियों के गलत चयन से संबंधित अभिलेख हाथ लगने पर जांच टीमों ने सक्रियता बढ़ा दी। सीबीआइ की छह टीमें लगातार अनुभागों में जाकर वहां से रिकॉर्ड जुटाती रहीं। रविवार को आयोग के परीक्षा विभाग में सीबीआइ के अधिकारी कई अनुभागों में पहुंचे। वहां पांच साल के दौरान हुई लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं, सीधी भर्ती के रिकॉर्ड देखे। पर्यवेक्षक तय करने की प्रक्रिया, पर्यवेक्षकों की सूची, परीक्षकों की सूची, विशेषज्ञों की सूची, साक्षात्कार बोर्ड और भर्ती संबंधित विज्ञापनों का चार्ट बनाया। आयोग में मौजूद अनुभाग अधिकारियों से पूछताछ की गई। इस बीच साक्षात्कार अनुभाग में पहुंचकर जांच अधिकारियों ने साक्षात्कार बोर्ड गठन की प्रक्रिया की जानकारी जुटा ली। सूत्र बताते हैं कि बार-बार रिकॉर्ड न खंगालना पड़े इसलिए अब सभी प्रक्रिया का चार्ट बनाकर क्रमवार जांच शु़रू होगी। जांच में तेजी की उम्मीद लगाई जा रही है।विज्ञापन में बदलाव का भी संदेह : सीबीआइ को जांच और पूछताछ में जानकारी हुई है कि उप्र लोक सेवा आयोग में शासन से मंजूर विज्ञापन में भी बदलाव किए गए। पदों व अर्हता को लेकर स्थानीय स्तर पर छेड़छाड़ की गई और तत्कालीन शासन भी इस पर मौन साधे रहा। हालांकि संदेह ही हुआ है। पुख्ता प्रमाण को कई से पूछताछ होगी।