उप्र ने स्नातक शिक्षक परीक्षा की एक गड़बड़ी का राजफाश किया है। ऐसे ही
अन्य मामलों को तेजी से खंगाला जा रहा है। इसीलिए लिखित परीक्षा का परिणाम
जारी करने में लगातार विलंब हो रहा है।
वहीं, पिछले माह हुए साक्षात्कार
का रिजल्ट देने में जरूर अफसर अनायास देरी कर रहे हैं, क्योंकि यह इंटरव्यू
रिजल्ट जांचने के बाद हुए, तब सवाल है कि अंतिम परिणाम देने में किस बात
का इंतजार हो रहा है।1प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक कालेजों में
प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व स्नातक शिक्षकों का चयन करने वाले बोर्ड का
पुनर्गठन होने के बाद अध्यक्ष व सदस्यों की नई टीम कार्य कर रही है। यह टीम
की लिखित परीक्षा की तारीख का एलान करने के अलावा फिलहाल कुछ नया नहीं कर
सकी है, केवल पुराने परिणाम देने व साक्षात्कार का कार्यक्रम जारी करने में
सभी जूझ रहे हैं। 1सूत्रों के अनुसार पुराने प्रकरणों की जांच में ही समय
लग रहा है। इसके लिए सभी सदस्य व अफसर कर्मचारियों को जुटाया गया है। उसी
का नतीजा है कि जीव विज्ञान परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का राजफाश हुआ है।
कुछ ऐसे ही और मामले बारीकी से खंगाले जा रहे हैं। माना जा रहा है जल्द ही
वह भी सार्वजनिक होंगे। असल में व 2013 की लिखित परीक्षा पहले से तैयार
प्रश्न पत्रों से कराई गई थी। उसमें वर्तनी आदि की तमाम खामियां होने के
अलावा अन्य विसंगतियां इम्तिहान के दौरान सामने आई थी। पिछली टीम ने उसकी
अनदेखी की, जबकि नई टीम तैयार परिणाम का विधिवत सत्यापन करके उसे जारी कर
रही है। 1तमाम कार्य एक साथ शुरू होने से उनकी प्रगति नहीं दिख रही है।
हालांकि मई के अंतिम सप्ताह से लेकर जून के पहले सप्ताह तक हुए साक्षात्कार
का अंतिम रिजल्ट देने में चयन बोर्ड विलंब कर रहा है। यह परिणाम आने से
अशासकीय कालेजों को जुलाई माह से शिक्षक मिलने की उम्मीद जगी थी लेकिन, वह
पूरी होती नहीं दिख रही है। ऐसे ही प्रधानाचार्यो के साक्षात्कार के लिए
अभिलेखों की स्क्रीनिंग में भी लंबा समय लग रहा है। साथ ही 2009 व 2010 के
अतिरिक्त शिक्षकों का कालेज आवंटन कब होगा यह भी तय नहीं है।