हाईकोर्ट ने शिक्षकों से बीएलओ का कार्य लेने पर मांगा हलफनामा, सुनवाई 11 जुलाई को

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा व बेसिक शिक्षा परिषद उप्र से हलफनामा मांगा है। इसमें यह बताने को कहा गया है कि कोर्ट से लगी रोक के बावजूद सहायक अध्यापकों से शिक्षण कार्य के अतिरिक्त बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) का कार्य क्यों लिया जा रहा है।
कोर्ट ने उप्र बेसिक/प्राथमिक शिक्षक संघ बांदा केस के फैसले का पालन न करने पर स्पष्टीकरण मांगा है। यह भी पूछा है कि इस आदेश को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए गए। क्यों न इसे कोर्ट की अवमानना माना जाए। याचिका की सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने मनोज कुमार व तीन अन्य सहायक अध्यापकों की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि अध्यापकों से बीएलओ का कार्य लिया जा रहा है, जो अनिवार्य शिक्षा कानून व हाईकोर्ट और शीर्ष कोर्ट के फैसलों का खुला उल्लंघन है। याचियों का कहना है कि उन्हें मतदाता सूची तैयार करने के लिए कार्य में न लगाया जाए, कोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों से बीएलओ का कार्य लेने में रोक लगा रखी है। कोर्ट की रोक के बावजूद उन्हें जबरन गैर शैक्षिक कार्य के लिए भेजा जा रहा है।