बीएड के खिलाफ डीएलएड धारक व शिक्षामित्र मुखर: प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अवसर देने का कर रहे विरोध शिक्षामित्र बोले, ये शीर्ष कोर्ट की अवमानना डीएलएड जाएंगे हाईकोर्ट

इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों में बीएड धारकों को शिक्षक बनने का मौका देना डीएलएड व शिक्षामित्रों को सुहा नहीं रहा है। दोनों संगठनों ने बीएड धारकों के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानि एनसीटीई के आदेश को शिक्षामित्र शीर्ष कोर्ट की अवमानना बता रहे हैं।
डीएलएड संयुक्त मोर्चा ने इस आदेश को हाईकोर्ट में जल्द चुनौती देने का एलान किया है। 1एनसीटीई ने पिछले महीने 2010 के आदेश में संशोधन करके बीएड धारकों को भी प्राथमिक शिक्षक बनने का मौका मुहैया कराया है। इस आदेश से अगली टीईटी यानि शिक्षक पात्रता परीक्षा और शिक्षक भर्तियों में दावेदारों की संख्या बढ़ना तय है। ऐसे में प्रतिस्पर्धी डिप्लोमा धारक इस आदेश के खिलाफ लामबंद होना शुरू हो गए हैं। डीएलएड 2017 संयुक्त मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष रजत सिंह ने बताया कि प्राथमिक स्कूलों में बीएड धारकों को पहले ही अमान्य किया जा चुका है, ऐसे में उन्हें फिर से मौका दिया जाना ठीक नहीं है। इस आदेश को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री का घेराव करेंगे और हाईकोर्ट में जल्द ही आदेश के खिलाफ अपील दायर की जाएगी। उप्र दूरस्थ बीटीसी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कहा है कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट बीएड धारकों को प्राथमिक शिक्षक बनाने से रोक लगा चुका है। अब एनसीटीई ने उन्हें अनुमति देकर शीर्ष कोर्ट के आदेश की अवमानना की है। सुप्रीम कोर्ट को इस पर विचार करना होगा कि एनसीटीई का आदेश सही है या नहीं। जब बीएड को प्राथमिक शिक्षक बनने का रास्ता खोला जा सकता है, तब ऐसा ही कदम शिक्षामित्रों के लिए क्यों नहीं उठाया जा सकता है। बीएड अभ्यर्थी इस आदेश से खुश हैं उनका कहना है कि यह मांग लंबे समय से की जा रही थी। अब वह पूरी हो गई है।