बलरामपुर। जिले के 10 नवनियुक्त शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही
है। आठ अक्तूबर की सुनवाई में शामिल होकर अपना पक्ष न रखने वाले शिक्षकों
पर बर्खास्तगी की जाएगी।
नवनियुक्त 10 शिक्षकों को सुनवाई में
शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया है। जांच के दौरान फर्जी डिग्री पाए
जाने पर सभी 10 शिक्षकों से जवाब तलब किया गया है।
बीएसए हरिहर
प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि शासन के निर्देश पर जिले के प्राथमिक
विद्यालयों में 12,460 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के तहत 18 से 23
अप्रैल 2017 के बीच तीन काउंसलिग कराई गई।
काउंसलिंग प्रक्रिया के
बाद प्राथमिक स्कूलों में तैनाती देकर शैक्षणिक व अन्य प्रमाण पत्रों को
जमा कराकर परीक्षण कराया गया। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद तथा
सचिव चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को 10 मई 2018 को सभी नवनियुक्त
शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्र व बीएलएड अंकपत्र जांच कराने के लिए भेजे
गए।
सचिव द्वारा 25 जून को टीईटी प्रमाण पत्रों की जांच रिपोर्ट
भेजी गई। जांच रिपोर्ट में तुलसीपुर जरवा रोड निवासिनी शगुफ्ता जोहरा व
इफ्फत आयशा के टीईटी एवं बीएलएड अंकपत्र, सेवरही निवासी कृष्ण गोपाल व राम
गोपाल के बीएलएड अंकपत्र, आगरा के कालिन्दी बिहार निवासी मनोज कुमार
प्रजापति, कुबरेपुर निवासी प्रदीप कुमार, कमलानगर टंकी रोड निवासिनी अंजू
सिंह व प्रवीन कुमार, प्रकाशनगर निवासी शिरीज कुमार तथा ट्रांस यमुना फेस-2
राम बाग निवासी अंकुर गौतम के टीईटी अंकपत्र फर्जी पाए गए हैं।
बीएसए
ने इन सभी 10 नवनियुक्त शिक्षकों को 28 सितंबर को सुनवाई में शामिल होने
के लिए नोटिस जारी किया था लेकिन कोई भी शिक्षक सुनवाई में उपस्थित नहीं
हुआ।
इन सभी नवनियुक्त शिक्षकों को पुन: अंतिम मौका देते हुए आठ
अक्तूबर को सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है। दैनिक समाचार
पत्रों में भी प्रकाशित करा दिया गया है। अंतिम अवसर में पक्ष न देने वाले
नवनियुक्त शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया जाएगा।
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