भारतीय डाक विभाग आवेदन लेकर नौकरी देना भूल गया विभाग, 5314 पदों पर होनी थी भर्ती

इलाहाबाद : लाखों युवा नौकरी के लिए डाक विभाग की राह देख रहे हैं लेकिन विभाग आवेदन लेकर नौकरी देना ही भूला गया। आवेदन कूड़े के भाव में डंप पड़ा हुआ है और जिम्मेदार इससे अनजान बने बैठे हैं।
डाक विभाग की ओर से पिछले साल अक्टूबर में जीडीएस ग्रामीण डाक सेवक पद के लिए भर्ती निकाली गई थी। कुल 5314 पदों पर भर्ती होनी थी। इसमें एक लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था। डाक विभाग ने आवेदन व शुल्क तो ले लिया लेकिन आज तक नौकरी नहीं दिया। आवेदन के समय पुरुष अभ्यर्थियों से 100 रुपये का चालान जमा करना था, जबकि महिला व अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति व दिव्यांगों के लिए कोई शुल्क नहीं था।

क्या था मामला : दरअसल, जीडीएस के लिए यूपी व सीबीएसई बोर्ड आदि के अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था। संस्कृत, मदरसा आदि शिक्षण संस्थानों के छात्रों का आवेदन नहीं लिया जा रहा था। इन अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने विभाग को निर्देशित किया कि इसमें संस्कृत व मदरसा से पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थियों को भी शामिल किया जाए। बस इसी मामले को लेकर डाक विभाग ने पूरी चयन प्रक्रिया ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। 
कोर्ट जाने को तैयार है अभ्यर्थी : आवेदन करने वाले रजनीश मिश्र ने बताया कि हम लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है। आशीष गुप्ता का कहना हैे कि लाखों युवाओं ने आवेदन किया लेकिन उनके साथ विश्वासघात किया गया। प्रशांत मिश्र ने कहा कि हम लोग विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।कुछ जीडीएस पद के लिए आवेदन लिए गए थे। पता करता हूं कि क्या मामला है। हम अभी जल्दी ही यहां आए हैं।1संजय अखाड़े, प्रवर डाक अधीक्षक 
डाक विभाग।कुछ जीडीएस पद के लिए आवेदन लिए गए थे। पता करता हूं कि क्या मामला है। हम अभी जल्दी ही यहां आए हैं।