बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षक भर्ती
में सिर्फ पास को फेल और फेल को पास करने का ही खेल नहीं किया गया. बल्कि
कम मेरिट वालों को गृह जनपद देकर और हाई मेरिट वालों को कई सौ किलोमीटर दूर
भेजकर भी
अन्याय हुआ है. अब अभ्यर्थी
लगातार विभाग से दोबारा संशोधित जिला आवंटन सूची जारी करने की मांग कर रहे
हैं. इस मामले में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉक्टर प्रभात कुमार का
कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है। इसकी जांच कराई जाएगी और अगर
अभ्यर्थियों की शिकायत सही मिली तो उन्हें राहत देने का रास्ता निकाला
जाएगा.
इसी कड़ी में मथुरा की सोनम का कहना है कि उसकी मेरिट 62.6 है और उसे
बहराइच जिला आवंटित किया गया है. जबकि उससे कहीं कम 54 मेरिट वाले को
गृहजनपद मथुरा में ही तैनाती मिल गई. इसी तरह बुलंदशहर की सपना के अनुसार
उसकी मेरिट 62.22 है लेकिन उसे सोनभद्र भेजा गया है, जबकि 57 के करीब मेरिट
वाले को गृहजनपद बुलंदशहर ही मिल गया है. ऐसे एक दो नहीं बल्कि हजारों
अभ्यर्थी हैं जो बेसिक शिक्षा परिषद में लिखित शिकायत के साथ ही शासन के
अधिकारियों को लगातार ट्वीट कर अपनी समस्या बता रहे हैं.
असल में इस गड़बड़ी की बड़ी वजह नियुक्ति के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची
को दो बार में जारी करना रहा है. बेसिक शिक्षा विभाग ने पहले 34,660
अभ्यर्थियों की जिला आवंटन सूची जारी की. इन अभ्यर्थियों का आवंटन लिखित
परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के बराबर 41,556 पदों पर किया गया था.
इसके बाद चयन से बाहर रहे 6,127 अभ्यर्थियो ने जब हंगामा किया तो शासन ने
उनके लिए एक और जिला आवंटन सूची जारी की. इस बार सूची को कुल 68,500 पदों
के हिसाब से आरक्षण लगाते हुए जारी किया गया.
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