शिक्षक भर्ती के कटऑफ के आर्डर से शिक्षामित्रों को लाभ, बीटीसी और बीएड की छिनेंगी सीटें

प्रयागराज : शिक्षक भर्ती में कटऑफ अंक घटने का सीधा लाभ शिक्षामित्रों को होना तय है, क्योंकि जो शिक्षामित्र परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल हो जाएंगे, वे वेटेज अंक पाकर आसानी से चयनित होंगे। वहीं, पहली बार प्राथमिक शिक्षक बनने का ख्वाब संजोए बीएड और बीटीसी अभ्यर्थियों को बाहर होना पड़ेगा, इन प्रशिक्षितों में से सिर्फ वे ही चयनित होंगे, जो अधिक अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे।

उल्लेखनीय है कि एनसीटीई ने 69 हजार शिक्षक भर्ती के पहले बीएड प्रशिक्षण पाने वालों को भी प्राथमिक शिक्षक बनने का अवसर दिया है। इसके पहले बीएड अभ्यर्थियों को 72825 शिक्षक भर्ती में प्रतिभाग करने का मौका मिला था, उसी समय कहा गया था कि 72 हजार शिक्षक भर्ती बीएड वालों के लिए अंतिम मौका है। यही वजह है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में आवेदकों की तादाद चार लाख से अधिक हो गई। शिक्षामित्र पहले लिखित परीक्षा और फिर बीएड को मौका देने का विरोध कर रहे थे। शासन ने नियमावली का हवाला देकर राहत देने से मना कर दिया। लिखित परीक्षा होने तक कटऑफ अंक घोषित न होने से शिक्षामित्र खुश थे, उन्हें लग रहा था कि कम अंक पाकर भी वे आसानी से खोया सहायक अध्यापक का पद फिर प्राप्त कर लेंगे।

परीक्षा के दूसरे दिन ही कटऑफ अंक घोषित होते ही हंगामा मचा, क्योंकि तय अंक काफी अधिक थे। अब हाईकोर्ट ने उन्हें राहत दे दी है। इससे जो शिक्षामित्र परीक्षा उत्तीर्ण हो जाएंगे, उन्हें अधिकतम 25 भारांक मिलना है। यह अंक जुड़ते ही शिक्षामित्र मेधावी अभ्यर्थियों के मुकाबले खड़े हो जाएंगे और चयन सूची में स्थान बना लेंगे। इसका असर बीएड व बीटीसी अभ्यर्थियों के चयन पर पड़ेगा। सामान्य अंक से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले चयनित नहीं हो सकेंगे, बल्कि शिक्षक बनने के लिए ऊंची मेरिट लानी होगी।

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