बदायूं : बेसिक शिक्षा विभाग में अकारण शिक्षक-शिक्षिकाओं को परेशान
किया जाता है। काम को लेकर टहलाया जाता है। इसका खुलासा सीडीओ निशा अनंत से
की गई शिकायत में हुआ है। जब एक शिक्षिका के प्रसूति अवकाश के आवेदन में
सबकुछ सही होने के बाद भी उसे टहलाया जा रहा था।
सीडीओ को जानकारी होने पर उन्होंने प्रसूता अवकाश के सभी आवेदन के समय एक प्रति सीडीओ को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। विकास क्षेत्र उझानी के प्राथमिक विद्यालय अढ़ौली की शिक्षिका सुगंध ने प्रसूति अवकाश का आवेदन दो फरवरी को बीइओ के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग को प्रेषित कर दिया था। 8 अप्रैल तक प्रसूति अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया। पत्रावली सीडीओ ने देखीं तो स्पष्ट हुआ कि बीइओ ने तो प्रसूति अवकाश का आवेदन पत्र अग्रसारित कर दिया था। जिसमें डॉक्टर की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में प्रसव की तिथि 2 अप्रैल थी। बीएसए कार्यालय की ओर से पत्र सीएमओ को परीक्षण के लिए भेजा। सीएमओ ने भी चिकित्सा प्रमाण पत्र व परीक्षण पर टिप्पणी की। इसके बाद भी शिक्षिका को सीएमओ का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही कहा कि अन्यथा की स्थिति में विचार करना संभव नहीं होगा। सीडीओ ने माना कि बेसिक शिक्षा विभाग अमानवीय ²ष्टिकोण अपनाते हुए अनावश्यक रूप से आधारहीन आपत्तियां लगाकर जान-बूझकर विलंब करता है। इसके अलावा अन्य शिक्षिकाओं के प्रसूति अवकाश के प्रकरण में भी अनावश्यक रूप से विलंब किया जाता है। इंसेट..
संबंधित वरिष्ठ सहायक निलंबित
सीडीओ के पत्र के बाद बीएसए को मामले की जानकारी होने के बाद संबंधित कार्य देख रहे वरिष्ठ सहायक मुनीश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। बीएसए रामपाल सिंह राजपूत का कहना है कि लिपिक ने उनके समक्ष फाइल प्रस्तुत ही नहीं की और स्वेच्छारिता अपनाते हुए अनावश्यक आपत्तियां लगाईं। कार्यालय में हस्ताक्षर करने के बाद बाहर घूमने की भी शिकायतें मिलीं। वरिष्ठ सहायक को निलंबित करने के बाद विकास क्षेत्र दहगवां में संबद्ध किया गया है। वर्जन..
फोटो 09 बीडीएन 41
शिकायत प्राप्त होने के बाद मामले की जांच की गई। शिक्षिका के पास पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी अकारण ही परेशान किए जाने की बात सामने आई। जिसके चलते प्रसूति अवकाश के सभी आवेदन की प्रति मांगी गई है।
- निशा अनंत, सीडीओ
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सीडीओ को जानकारी होने पर उन्होंने प्रसूता अवकाश के सभी आवेदन के समय एक प्रति सीडीओ को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। विकास क्षेत्र उझानी के प्राथमिक विद्यालय अढ़ौली की शिक्षिका सुगंध ने प्रसूति अवकाश का आवेदन दो फरवरी को बीइओ के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग को प्रेषित कर दिया था। 8 अप्रैल तक प्रसूति अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया। पत्रावली सीडीओ ने देखीं तो स्पष्ट हुआ कि बीइओ ने तो प्रसूति अवकाश का आवेदन पत्र अग्रसारित कर दिया था। जिसमें डॉक्टर की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में प्रसव की तिथि 2 अप्रैल थी। बीएसए कार्यालय की ओर से पत्र सीएमओ को परीक्षण के लिए भेजा। सीएमओ ने भी चिकित्सा प्रमाण पत्र व परीक्षण पर टिप्पणी की। इसके बाद भी शिक्षिका को सीएमओ का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही कहा कि अन्यथा की स्थिति में विचार करना संभव नहीं होगा। सीडीओ ने माना कि बेसिक शिक्षा विभाग अमानवीय ²ष्टिकोण अपनाते हुए अनावश्यक रूप से आधारहीन आपत्तियां लगाकर जान-बूझकर विलंब करता है। इसके अलावा अन्य शिक्षिकाओं के प्रसूति अवकाश के प्रकरण में भी अनावश्यक रूप से विलंब किया जाता है। इंसेट..
सीडीओ के पत्र के बाद बीएसए को मामले की जानकारी होने के बाद संबंधित कार्य देख रहे वरिष्ठ सहायक मुनीश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। बीएसए रामपाल सिंह राजपूत का कहना है कि लिपिक ने उनके समक्ष फाइल प्रस्तुत ही नहीं की और स्वेच्छारिता अपनाते हुए अनावश्यक आपत्तियां लगाईं। कार्यालय में हस्ताक्षर करने के बाद बाहर घूमने की भी शिकायतें मिलीं। वरिष्ठ सहायक को निलंबित करने के बाद विकास क्षेत्र दहगवां में संबद्ध किया गया है। वर्जन..
फोटो 09 बीडीएन 41
शिकायत प्राप्त होने के बाद मामले की जांच की गई। शिक्षिका के पास पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी अकारण ही परेशान किए जाने की बात सामने आई। जिसके चलते प्रसूति अवकाश के सभी आवेदन की प्रति मांगी गई है।
- निशा अनंत, सीडीओ
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