छात्र हैं नहीं फिर भी शिक्षक बढ़ाने का भेज रहे प्रस्ताव, अतिरिक्त पदों के सृजन प्रस्ताव पर मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार नाराज

 गोरखपुर : उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से संचालित परीक्षाओं में हर साल छात्रों की संख्या कम होती जा रही है। इस वर्ष मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षा में 1,82,259 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था,


जबकि 2019 में दो लाख से ज्यादा छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। दूसरी तरफ छात्रों की घटती संख्या के बावजूद प्रदेश के राज्यानुदानित मदरसे अतिरिक्त पदों के सृजन सम्बन्धी प्रस्ताव उप्र मदरसा शिक्षा परिषद को भेज रहे हैं। इस पर उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। रजिस्ट्रार ने प्रदेश के सभी अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को प्रस्तावों के पुनरावलोकन का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि गत तीन वर्षों में परीक्षा फार्म भरने व परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है। एक ओर जहां छात्रों की संख्या कम हो रही है वहीं दूसरी ओर अधिक छात्रों की संख्या प्रदर्शित कर अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। यदि भविष्य में ऐसा पाया गया और अधिक छात्र संख्या दर्शाकर पद सृजन के प्रस्ताव भेजे गए तो संबंधित जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिले में दस अनुदानित मदरसों में से कइयों ने शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को प्रस्ताव दिया है। रजिस्ट्रार के पत्र से मदरसों में खलबली मच गई है।

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