मनचाहे कोर्स में दाखिले के लिए बढ़ा सकेंगे 20 फीसद सीटें, पांच साल के लिए मान्य होगा एकेडिमक एकाउंट में जमा क्रेडिट

 विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को एक-दूसरे संस्थान के मनचाहे कोर्स में दाखिला दिलाने के लिए 20 फीसद सीटें बढ़ाने की छूट दी जाएगी। कोई भी विद्यार्थी अपने संस्थान के साथ दूसरे संस्थान में

मनपसंद कोर्स पढ़ना चाहता है तो सीटें खत्म होने की स्थिति में उसे मायूस नहीं होना पड़ेगा। कई पॉपुलर कोर्सेज में एक-एक सीट को लेकर मारामारी रहती है, ऐसे में यह सीट बढ़ोतरी बड़ी राहत दिलाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय व कॉलेजों में विद्यार्थियों के लिए तैयार किए जाने वाले एकेडमिक क्रेडिट बैंक के तहत उन्हें छूट दी जाएगी। अपने मूल संस्थान में कोर कोर्स के साथ उन्हें दूसरे संस्थान से भी 50 से 70 प्रतिशत तक क्रेडिट हासिल करने की छूट होगी।



उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों से एकेडमिक क्रेडिट बैंक से संबंधित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के ड्राफ्ट पर सुझाव लिए जा चुके हैं। अब इसे नए शैक्षिक सत्र से लागू करने पर मंथन किया जा रहा है। एकेडमिक क्रेडिट बैंक में विद्यार्थी अपने द्वारा अर्जित किए गए क्रेडिट को अपने एकेडमिक एकाउंट में जमा कर सकेंगे।

सार्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री कोर्सेज के लिए अर्जित किए गए क्रेडिट को वे अपने एकेडमिक एकाउंट में अधिकतम पांच साल के लिए ही जमा कर सकेंगे। किसी भी कोर्स के सिलेबस को घंटे के हिसाब से विभाजित कर क्रेडिट तैयार किया जाता है। हफ्ते भर में एक घंटे थ्योरी या एक घंटे ट्यूटोरियल और दो घंटे प्रयोगात्मक कार्य एक क्रेडिट के बराबर माना जाता है। एक वर्ष में 48 से 50 क्रेडिट की पढ़ाई करनी होती है।