एक मार्च से प्राइमरी स्कूलों के खुलने के बाद इनमें पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की क्षमताओं का आंकलन होगा। शिक्षक आंकलन पत्र के जरिएइन बच्चों का परीक्षण करेंगे। पता करेंगे कि कोविड काल में उन्होंने कितना सीखा, कितना छोड़ा। फिर इसके आधार पर उनकी रिमेडियल पढ़ाई होगी। प्रदेश के सभी प्राइमरी स्कूलों में रोजाना 40 मिनट की रिमेडियल चलाई जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग ने एक मार्च से स्कूल खुलने के बाद आने वाले बच्चों की क्षमताओं के आकलन की तैयारी शुरू कराई है। इसके लिए आंकलन प्रपत्र तैयार कराया गया है। स्कूल आने वाले छात्रों से पहले इसी के जरिए आंकलन होगा। इसमें जो बच्चे कमजोर मिलेंगे उनके लिए रोजाना पहले पीरियड में 40 मिनट की रिमेडियल क्लास चलाई जाएगी।
हिंदी और गणित में ही होगा आकलन कक्षा एक से पांच तक के छात्रों की क्षमताओं का आंकलन केवल हिंदी और गणित विषय में ही किया जाएगा। इन दो विषयों में छात्रों के लिए कुछ शब्द पहचानने तथा कुछ प्रश्न हल करने के लिए दिए जाएंगे। अगरवह अपनी कक्षा के अनुसार इन्हें बता लेते हैं तो ठीक है नहीं तो उनकी रिमेडियल कराई जाएगी।
गणित में संख्या पहचानना व हल करना होगा
गणित में कक्षा एक के बच्चों को निर्धारित सूची में से पांच संख्याओं को सही से पहचानना होगा। कक्षा 2 के बच्चे जोड़ एवं घटाव के एक अंक के 75% प्रश्न सही हल कर लेते हो। कक्षा 3 के जोड़ घटाव के हासिल वाले 75% प्रश्नों को सही हल कर लेते हो। कक्षा 4 के बच्चे गुणा के 75% प्रश्नों को सही से हल कर लेते हों। जबकि कक्षा 5 के छात्र भाग के 75% प्रश्नों को सही हल कर पाते हो। अगर यह बच्चे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो इनकी रिमेडियल होगी।
हिन्दी में इस तरह आकलन
कक्षा एक के बच्चों को हिंदी में घर, भवन, दम, राजा, नल, नमक, कलम, नाम, दाम, दिन, कलर, खिल, अदरक, रात तथा अमर शब्दों में से पांच शब्द पहचानने होंगे।
कक्षा दो के बच्चों को हिंदी में 20 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ना होगा। कक्षा 3 के बच्चों को हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह पढ़ना होगा। कक्षा चार के बच्चों को छोटे अनुच्छेद को पढ़कर 75% प्रश्नों का सही उत्तर देना होगा।
कक्षा 5 के बच्चों को हिंदी में बड़े अनुच्छेद को पढ़कर 75% प्रश्नों का सही उत्तर देना होगा।
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