Breaking Posts

Top Post Ad

कंटेप्ट ऑफ कोर्ट क्या होता है और इसके लिए क्या कानूनी प्रावधान है।।।

कंटेप्ट ऑफ कोर्ट क्या होता है और इसके लिए क्या कानूनी प्रावधान है।।।
कंटेप्ट ऑफ कोर्ट दो तरह का होता है सिविल कंटेप्ट और क्रिमिनल कंटेप्ट।
जब किसी अदालती फैसले की अवहेलना होती है तब वह सिविल कंटेप्ट होता है। जब कोई अदालती आदेश हो या फिर कई जजमेंट हो या कोई डिक्री हो और उस आदेश का तय समय पर पालन न हो। साथ ही अदालत के आदेश की अवहेलना हो रही हो तो यह मामला सिविल कंटेप्ट का बनता है।
सिविल कंटेप्ट के मामले में जो पीड़ित पक्ष है वह अदालत को इस बारे में सूचित करता है और फिर अदालत उस शख्स को नोटिस जारी करती है जिस पर अदालत के आदेश का पालन करने का दायित्व होता है। संविधान में कंटेप्ट ऑफ कोर्ट के लिए प्रावधान किए गए हैं और इसके लिए कार्रवाई के बाद सजा का प्रावधान किया गया है। सिविल कंटेप्ट में पीड़ित पक्ष अदालत को बताती है कि कैसे अदालत के आदेश की अवहेलना हो रही है और तब अदालत उस शख्स को नोटिस जारी कर पूछती है कि अदालती आदेश का पालन न करने के मामले में क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। नोटिस के बाद दूसरा पक्ष जवाब देता है और अगर उस जवाब से अदालत संतुष्ट हो जाए तो कार्रवाई वहीं खत्म हो जाती है अगर नहीं तो अदालत अवमानना की कार्रवाई शुरू करती है। कंटेप्ट ऑफ कोर्ट के लिए अधिकतम ६ महीने कैद की सजा का प्रावधान है।।

सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe

Facebook