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फर्जी शिक्षकों को बचाने में जुटा है विभाग

देवरिया। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात फर्जी शिक्षकों की जांच यहां ठंडे बस्ते में चली गई है। शासन के सख्त निर्देश और कड़ी हिदायतों के बावजूद तीन सदस्यीय कमेटी अब तक जांच शुरू नहीं कर पाई है, जबकि अन्य जिलों में यह अंतिम चरण में है।
विभागीय कार्यालय व अफसरों से सांठ-गांठ कर फर्जी शिक्षक मौज में हैं। विभागीय सूत्रों का दावा है कि अगर कायदे से जांच हो तो गोरखपुर, सिद्धार्थनगर और मथुरा से भी अधिक फर्जी शिक्षक देवरिया में मिलेंगे। उधर, 11 शिक्षकों पर जांच के बाद तत्कालीन एडी बेसिक ने दो साल पहले ही कार्रवाई का आदेश दिया था, मगर जिला स्तर से उन पर अब तक मेहरबानी बनी हुई है।
पिछले एक दशक के दौरान सूबे में शिक्षकों की बंपर भर्ती हुई है। ऊंची पहुंच का लाभ लेकर तमाम अपात्रों ने भी जाली दस्तावेजों की मदद से शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। वर्षों से वह सेवाएं देते हुए वेतन के रूप में मोटी रकम भी ऐंठ रहे हैं। पिछले दिनों मथुरा में शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का बड़े पैमाने पर पर्दाफाश हुआ है। आसपास के अन्य जिलों में भी भर्ती में गड़बड़ियां सामने आई। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने पूरे प्रदेश में वर्ष 2010 के बाद हुई सभी भर्तियों की जांच के निर्देश दिए थे।
इसके लिए शासन स्तर से ही तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी में एडीएम, एएसपी और एडी बेसिक शामिल हैं। अन्य जिलों में जांच अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। सिद्धार्थनगर में 38 शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं, जबकि गोरखपुर में 19 शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इससे इतर देवरिया में अब तक जांच ही शुरू नहीं हो पाई है। सिद्धार्थनगर सहित अन्य जिलों में फर्जी शिक्षक के रूप में देवरिया के लोगों का नाम आने के बाद यहां भी जालसाजों के तार जुड़े होने की आशंका प्रबल हैं, मगर जांच टीम की सुस्ती से फर्जी शिक्षक मौज में हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो शिक्षक भर्ती के फर्जीवाड़े में देवरिया का नाम भी शीर्ष पर है। यहां जाली दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक की नौकरी करने वालों की बड़ी संख्या में है। मध्यप्रदेश, राजस्थान और दक्षिण भारत की जिन शिक्षण संस्थाओं की डिग्री पश्चिम यूपी के जिलों में सत्यापन के दौरान फर्जी पाए गए हैं, वहीं की डिग्री पर यहां शिक्षक की नौकरी बेखौफ चल रही है। जांच में इनका पकड़ा जाना तय है, मगर जिम्मेदारों की बेरुखी से मामला ठंडे बस्ते में है। गोरखपुर के एडी बेसिक जगदीश नारायण सिंह ने बताया कि तीन सदस्यीय समिति के अध्यक्ष एडीएम हैं। जांच उन्हीं के निर्देशन में होना है। उनका निर्देश मिलते ही जांच शुरू कर दी जाएगी। जल्द ही उनसे संपर्क कर इसकी कवायद शुरू होगी।

जांच के निर्देश के बाद शिक्षक फरार
बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा उजागर होने और जांच के निर्देशों के बाद जिले के भी कई शिक्षक फरार हो गए हैं। एक शिक्षक ने तो अन्यत्र नौकरी का हवाला देकर अपने सभी जमा प्रमाण पत्र भी वापस ले लिए। बताते हैं कि जांच की सुगबुगाहट से इनमें खलबली मची हुई है। गड़बड़ी पकड़ में आने पर कार्रवाई के भय से वह पहले ही किनारा कसने में भलाई समझ रहे हैं।

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