वित्तविहीन शिक्षकों का मानदेय बंद करने, शिक्षामित्रों का मामला ठीक से
हैंडल न कर पाने और अनुदेशकों का मानदेय कम करने के खिलाफ सपा सदस्यों ने
बुधवार को विधान परिषद से बहिर्गमन किया।
प्रश्न प्रहर के बाद सपा के आनंद भदौरिया ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम
से यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार ने 1.92 लाख वित्तविहीन
शिक्षकों को 1000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देना शुरू किया था। वर्तमान सरकार
ने उसे बंद कर दिया। अनुदेशकों का मानदेय भी 17 हजार से घटाकर 10 हजार
रुपये कर दिया। शिक्षामित्रों के साथ भी अन्याय किया जा रहा है। वित्तविहीन
स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भी विभाग मान्यता नहीं दे रहा।
संजय मिश्रा ने कहा कि वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों के मानदेय के
मुद्दे पर नेता सदन और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से कई बार
वार्ता हुई। ठोस आश्वासन मिलने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि सपा सरकार ने काउंसलिंग के माध्यम से
जिन शिक्षकों की भर्तियां की थीं, वर्तमान सरकार ने उन्हें भी रद्द कर
दिया। 70 साल के इतिहास में किसी भी सरकार ने इतनी नौकरियां नहीं छीनीं।
शिक्षकों की कमी से स्कूलों में अराजकता व्याप्त है। उमेश द्विवेदी ने कहा
कि 4 सितंबर को वित्तविहीन शिक्षक लखनऊ के ईको गार्डन में बड़ा आंदोलन
करेंगे।