एनबीटी संवाददाता,लखनऊ यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर से
शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाने से शहर के विश्वविद्यालयों में प्रगति
की रफ्तार भी थम गई है। विश्वविद्यालयों में गेस्ट फैकल्टी के सहारे
विभागों को चलाया जा रहा है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
वहीं कई
विश्वविद्यालयों में नया विभाग भी खुलना प्रस्तावित है, जो इस आदेश के कारण
प्रभावित हो गया है।
एलयू: शोध कार्य होंगे प्रभावित
लखनऊ
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. एनके पांडेय ने बताया कि एलयू के 10 से
ज्यादा विभागों में नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन आदेश की वजह से
ठप हो गई हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षकों के कई पद खाली हैं, इसलिए अब
उनकी जगह पर गेस्ट फैकल्टी को रखा जाएगा। इससे निश्चित रूप से वो गुणवत्ता
तो नहीं मिलेगी, जो नियमित शिक्षक से मिल सकती है। साथ ही नियमित शिक्षकों
के अंडर में पीएचडी भी होती है। ऐसे में पीएचडी की सीटों पर भी इसका प्रभाव
पड़ेगा। सीटें कम होंगी, जिससे शोध कार्य भी प्रभावित रहेगा।
अरबी-फारसी विवि: 45 नियुक्तियां ठप, गेस्ट फैकल्टी के सहारे पढ़ाई
इस
आदेश से सबसे ज्यादा प्रभाव ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी-फारसी
विवि पर पड़ा है। यहां अब तक कुल 28 फैकल्टी ही हैं और 45 की नियुक्तियां
होनी थी, जो अब ठप हो गई हैं। साथ ही संस्कृत का नया विभाग भी खुलना
प्रस्तावित है, जो इस आदेश के कारण अब प्रभावित हो गया है। ऐसे में यहां भी
गेस्ट फैकल्टी के सहारे ही पढ़ाई कराई जा रही है।
शकुंतला मिश्रा विवि: नहीं शुरू हो पाए विभाग
डॉ.
शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि के प्रवक्ता डीएन सिंह ने बताया
कि विश्वविद्यालय में नियुक्तियों की भर्ती की शुरुआत प्रस्तावित थी। साथ
ही कई विभाग भी खुलने थे, लेकिन इस आदेश के कारण प्रक्रिया ही नहीं शुरू हो
सकी हैं। पहले से जांच का भी इश्यू चल रहा है। हालांकि, जहां कमियां हैं,
वहां गेस्ट फैकल्टी से क्लासेज करवाई जा रही हैं।
0 Comments