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महाविद्यालयों के 736 मानदेय प्रवक्ता होंगे विनियमित, बेरोजगारी पर सदन में तकरार, कांग्रेस का बहिर्गमन

लखनऊ : विधानसभा में शुक्रवार को सात विधेयक पारित किए गए। इन विधेयकों में उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2018 भी है, जिसके जरिए अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में 29 मार्च 2011 या उसके पूर्व नियुक्त 736 मानदेय शिक्षकों को विनियमित किए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
1शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आवश्यक कार्यवाही के बाद उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2018, उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (आस्तियों एवं दायित्वों का अंतकरण) विधेयक, 2018, उप्र शीरा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक, 2018, उप्र प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) विधेयक, 2018, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, उप्र (संशोधन) विधेयक, 2018, उप्र निरसन विधेयक, 2018, उप्र शीरा नियंत्रण (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2018 पारित किये जाने की घोषणा की। विपक्षी सदस्यों ने छह विधेयकों को प्रवर समिति को सौंपे जाने की मांग की जो नामंजूर हो गई।
मानदेय शिक्षकों के विनियमितीकरण में आरक्षण का होगा पालन : संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा है कि सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में मानदेय शिक्षकों के विनियमितीकरण में आरक्षण के नियमों का पालन होगा। उन्होंने बताया कि 736 शिक्षक विनियमित होंगे। यूपीएसआइडीसी होगा यूपीसमानसून सत्र के समापन के बाद बाहर आते विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित।

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