कोलकाता : महंगाई भत्ता (डीए) सरकार की दया पर निर्भर नहीं है। यह
सरकारी कर्मचारियों का कानूनी अधिकार है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को
राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सैट) के फैसले को खारिज करते हुए यह फैसला
सुनाया।
हालांकि न्यायाधीश देवाशीष करगुप्ता एवं न्यायाधीश शेखर बॉबी सराफ
की खंडपीठ ने डीए की दर तय करने का फैसला सैट पर ही छोड़ा है।1न्यायाधीशों
ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के
कर्मचारियों जितना डीए दिया जाना चाहिए अथवा नहीं, यह सैट ही निर्धारित
करेगा। सैट यह भी तय करेगा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दिल्ली और चेन्नई
में कार्यरत अपने कर्मचरियों को भिन्न दर पर डीए दिए जाने का औचित्य है या
नहीं। हाई कोर्ट ने इस असमानता को दूर करने के लिए सैट को दो माह के अंदर
मामले का निपटारा करने को कहा है। खंडपीठ ने कहा कि सैट ने जो दावा किया
था, उस बाबत राज्य सरकार से हलफनामा नही मांगा था।
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