उ०प्र०प्रा० शिक्षामित्र संघ ने मा०उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा दिये गये
कल के फैसले के विरुद्ध मा० सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में अपील दाखिल
करने का निर्णय लिया है। साथ ही साथ केन्द्र व एन०सी०टी०ई० भारत सरकार के
भेदभावपूर्ण व ढुलमुल रवैये के खिलाफ कल दिनांक 14/09/15 को कार्य बहिष्कार
व तालाबंदी का निर्णय संगठन ने लिया है।
एक तरफ उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया गया है, तथा उत्तराखण्ड के डबल बेंच में एन०सी०टी०ई० ने यह स्वीकार किया है कि इनको टी०ई०टी० से छूट दिया गया है, और ये शिक्षक बनने के पात्र हैं। वहीं दूसरी तरफ मा०उच्च न्यायालय इलाहाबाद व लखनऊ खण्डपीठ में इसी एन०सी०टी०ई० ने उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के विरुद्ध भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हुए गलत काउंटर व शपथ पत्र लगाया कि ये शिक्षक बनने के पात्र नहीं हैं। जबकि उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में इसी केन्द्र सरकार ने अनुमति देकर शिक्षक बनाया है। केन्द्र व एन०सी०टी०ई० भारत सरकार को अभी यह ही नहीं पता है कि उत्तर प्रदेश में पद के सापेक्ष ही शिक्षामित्रों का चयन हुआ है। यही एन०सी०टी०ई० 14 जनवरी 2011 को प्रदेश के एक लाख चौबीस हजार स्नातक शिक्षामित्रों को दूरस्थ बी०टी०सी० से द्विवर्षीय प्रशिक्षण की अनुमति दिया है और पूरे प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी इसी एन०सी०टी०ई० ने तय किया है। इसके बाद ही राज्य सरकार द्वारा दूरस्थ बी०टी०सी०प्रशिक्षण कराया गया। इसके बाद भी एन०सी०टी०ई० द्वारा भेदभाव पूर्ण व ढुलमुल रवैया अपनाया गया, जिस पर शिक्षामित्रों में भारी दुःख व आक्रोश व्याप्त है।
आज केन्द्र सरकार व एन०सी०टी०ई० के भेदभावपूर्ण व ढुलमुल रवैए के कारण एक तरफ जहाँ प्रदेश के शिक्षामित्र व समायोजित शिक्षकों में भारी दुःख व आक्रोश व्याप्त है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के करोड़ों नौनिहाल बच्चों का भविष्य अँधकार के गर्त में चला गया है। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के हटाये जाने से विद्यालयों के बन्द होने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है, तथा अधिकांशतः विद्यालयों में पठन पाठन ठप होने की स्थिति बन चुकी है। जिसका पूर्ण जिम्मेदार केन्द्र सरकार व एन०सी०टी०ई० है।
सभी शिक्षक संगठनों, समायोजित शिक्षकों व शिक्षामित्रों से अपील है कि भारी दुःख की इस घड़ी में अपना सहयोग प्रदान करें। जो भी शिक्षक संगठन व अन्य विभागों के हितैषी संगठन हमारे दुःख की इस घड़ी में हमारे साथ हैं हमारे साथ संवेदना रखते हैं, संगठन उनका आभार व्यक्त करता है।
कल शनिवार को बेसिक शिक्षा मंत्री आदरणीय श्री राम गोविन्द चौधरी जी से टेलीफोनिक वार्ता हुई जिसमें उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र संयम से काम लें, उनके भविष्य के लिए जो भी कदम उठाना पड़ेगा, सरकार उठायेगी।
शिक्षामित्रों के भविष्य की लड़ाई में किसी भी स्तर पर संगठन जा सकता है। जिस भी स्तर के लड़ाई की आवश्यकता होगी संगठन हर उस स्तर से लड़कर अपना मान व सम्मान हासिल करेगा। धन्यवाद॥
गाजी इमाम आला
प्रदेश अध्यक्ष
उ०प्र०प्रा०शि०मि० संघ
उत्तर प्रदेश॥
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
एक तरफ उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया गया है, तथा उत्तराखण्ड के डबल बेंच में एन०सी०टी०ई० ने यह स्वीकार किया है कि इनको टी०ई०टी० से छूट दिया गया है, और ये शिक्षक बनने के पात्र हैं। वहीं दूसरी तरफ मा०उच्च न्यायालय इलाहाबाद व लखनऊ खण्डपीठ में इसी एन०सी०टी०ई० ने उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के विरुद्ध भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हुए गलत काउंटर व शपथ पत्र लगाया कि ये शिक्षक बनने के पात्र नहीं हैं। जबकि उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में इसी केन्द्र सरकार ने अनुमति देकर शिक्षक बनाया है। केन्द्र व एन०सी०टी०ई० भारत सरकार को अभी यह ही नहीं पता है कि उत्तर प्रदेश में पद के सापेक्ष ही शिक्षामित्रों का चयन हुआ है। यही एन०सी०टी०ई० 14 जनवरी 2011 को प्रदेश के एक लाख चौबीस हजार स्नातक शिक्षामित्रों को दूरस्थ बी०टी०सी० से द्विवर्षीय प्रशिक्षण की अनुमति दिया है और पूरे प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी इसी एन०सी०टी०ई० ने तय किया है। इसके बाद ही राज्य सरकार द्वारा दूरस्थ बी०टी०सी०प्रशिक्षण कराया गया। इसके बाद भी एन०सी०टी०ई० द्वारा भेदभाव पूर्ण व ढुलमुल रवैया अपनाया गया, जिस पर शिक्षामित्रों में भारी दुःख व आक्रोश व्याप्त है।
आज केन्द्र सरकार व एन०सी०टी०ई० के भेदभावपूर्ण व ढुलमुल रवैए के कारण एक तरफ जहाँ प्रदेश के शिक्षामित्र व समायोजित शिक्षकों में भारी दुःख व आक्रोश व्याप्त है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के करोड़ों नौनिहाल बच्चों का भविष्य अँधकार के गर्त में चला गया है। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के हटाये जाने से विद्यालयों के बन्द होने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है, तथा अधिकांशतः विद्यालयों में पठन पाठन ठप होने की स्थिति बन चुकी है। जिसका पूर्ण जिम्मेदार केन्द्र सरकार व एन०सी०टी०ई० है।
सभी शिक्षक संगठनों, समायोजित शिक्षकों व शिक्षामित्रों से अपील है कि भारी दुःख की इस घड़ी में अपना सहयोग प्रदान करें। जो भी शिक्षक संगठन व अन्य विभागों के हितैषी संगठन हमारे दुःख की इस घड़ी में हमारे साथ हैं हमारे साथ संवेदना रखते हैं, संगठन उनका आभार व्यक्त करता है।
कल शनिवार को बेसिक शिक्षा मंत्री आदरणीय श्री राम गोविन्द चौधरी जी से टेलीफोनिक वार्ता हुई जिसमें उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र संयम से काम लें, उनके भविष्य के लिए जो भी कदम उठाना पड़ेगा, सरकार उठायेगी।
शिक्षामित्रों के भविष्य की लड़ाई में किसी भी स्तर पर संगठन जा सकता है। जिस भी स्तर के लड़ाई की आवश्यकता होगी संगठन हर उस स्तर से लड़कर अपना मान व सम्मान हासिल करेगा। धन्यवाद॥
गाजी इमाम आला
प्रदेश अध्यक्ष
उ०प्र०प्रा०शि०मि० संघ
उत्तर प्रदेश॥
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