इलाहाबाद। भारतीय पुनर्वास परिषद के सेंट्रल जोन के चेयरमैन
डॉ. आरए जोसेफ ने कहा कि विकलांग बच्चे भी अब सामान्य छात्रों के साथ
स्कूलों में पढ़ेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार को प्राइमरी स्कूलों में
2.43 लाख विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी।
इसके बाद माध्यमिक व उच्च
शिक्षण संस्थानों में भी विशेष शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।
डॉ. जोसेफ ने शनिवार को जाजर्टाउन के मूक बघिर विद्यालय में
आयोजित मानवीय संसाधन के क्षमता निर्माण संबंधी कार्यशाला में यह जानकारी
दी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि विकलांग बच्चों को
सामान्य छात्रों संग पढ़ाने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए विशेष शिक्षकों
की तैनाती की जाए। विशेष शिक्षक का कोर्स दो साल का होता है। यह बीटीसी के
समतुल्य है। विशेष शिक्षकों को विकलांग बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया
जाता है। प्रदेश में स्पेशल एजुकेशन के 54 ट्रेनिंग सेंटर हैं। इनमें से
पांच इलाहाबाद में हैं। विशेष शिक्षकों को भी अब रोजागर मिलेगा। पूरे देश
में केवल 1.50 लाख प्रशिक्षित विशेष शिक्षक हैं।
इस कार्यशाला का आगाज इविवि के दर्शनशास्त्र विभाग के
अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर तिवारी ने किया। उन्होंने कहा कि विकलांगों को भी
सामान्य छात्रों के साथ पढ़ने का पूरा अधिकार है। कार्यशाला में राष्ट्रीय
पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ की डॉ. शकुंतला मिश्र, बीएचयू के डॉ.
योगेन्द्र पांडेय, अमिटी विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर नवीन सिंह ,
निदेशक केएन मिश्र व डॉ. मृत्युंजय मिश्र ने मानवीय संसाधन के क्षमता
निर्माण के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। कई जिलों के विशेष शिक्षा
प्रशिक्षण कॉलेजों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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