असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों का मामला : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश उच्चतर सेवा आयोग में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का परीक्षा परिणाम तैयार है, लेकिन उसे जारी करने में नैतिकता बाधा बन गई। तीन सदस्यों की नियुक्ति रद करने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद अफसरों ने परिणाम जारी करने से हाथ पीछे खींच लिए। हालांकि अभी आयोग को न्यायालय के आदेश की अधिकृत प्रति नहीं मिली है, फिर भी समाचार पत्रों में छपे आदेश को मानते हुए आयोग परिणाम जारी नहीं कर रहा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के तीन सदस्यों रामवीर यादव, डा. रूदल यादव व अनिल कुमार सिंह की नियुक्ति रद कर दी है। कोर्ट ने इन नियुक्तियों में राजनीतिक हस्तक्षेप माना है और तीनों सदस्यों को इस पद के लिए अयोग्य बताया है। आयोग ने दिसंबर 2014 से फरवरी 2015 तक असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों के लिए पहली बार लिखित परीक्षा कराई थी। इसका परिणाम जारी ही होने वाला था, तभी कोर्ट का यह आदेश आ गया। आयोग अध्यक्ष लालबिहारी पांडेय ने बताया कि परीक्षा का परिणाम एकदम तैयार है और अब तक कोर्ट के आदेश की अधिकृत प्रति उन्हें नहीं मिली है, लेकिन नैतिकता के आधार पर परिणाम फिलहाल कोरम पूरा न होने तक जारी नहीं करेंगे। अब प्रदेश सरकार के अगले कदम का ही इंतजार है। मंगलवार को आयोग के दफ्तर में सन्नाटा पसरा रहा। जिन सदस्यों की नियुक्ति रद हुई है उनमें से कुछ कार्यालय पहुंचे भी, लेकिन कोई कामकाज नहीं हुआ। उधर, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भी कोर्ट के इस कदम से सहम गया है। बोर्ड के तीन सदस्यों का मामला भी अदालत में है।
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