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शिक्षामित्रों / समायोजित शिक्षकों के नाम संदेश : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

प्रिय शिक्षामित्र / समायोजित शिक्षक भाइयों एवं बहनों, आपको अवगत कराना है कि मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद में जो बहस चल रही है, उसमें अभी तक तो सिर्फ आपके विरोधियों की तरफ से बहस चली है। अब समायोजित शिक्षकों व शिक्षामित्रों की तरफ से बहस करने का समय आ रहा है।
अब शिक्षामित्रों की तरफ से वकीलों का पैनल स्वतः ही आपको दिखने लगेगा। फिलहाल आपकी तरफ से वकीलों का जो पैनल खड़ा किया गया है, उसमें सभी टाॅप मोस्ट वकील हैं और समायोजन के बचाव में सभी सबूतों के साथ अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे। सबसे सुखद बात ये है कि विपक्षी वकीलों के द्वारा बहस किये गये सभी बिन्दुओं/प्रश्नों के जवाब समस्त साक्ष्यों के साथ हमारे अधिवक्ता पैनल के पास उपलब्ध है। मित्रों कुछ दिनों से हम आप लोगों के लिए कोई पोस्ट इसलिए नहीं लिख पाये इसके दो कारण थे। प्रथम ये कि सुनवाई के बाद आगे की रणनीति तैयार करने में व्यस्त होने की वजह से समय की कमी है तथा दूसरा यह कि एक सप्ताह पूर्व हमने अपने एक पोस्ट के माध्यम से आप लोगों से एक सुझाव माँगा था कि उच्च न्यायालय में प्रकरण की गम्भीर स्थिति को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अमित सिब्बल जी या श्री के०े०वेणुगोपाल जी को दिल्ली से लाया जाय। किन्तु बड़े दुर्भाग्य का विषय रहा कि आप लोगों ने मामले की गम्भीरता से नहीं लिया तथा टेट अभ्यर्थियों के झाँसे में आकर अपनी बौद्धिक क्षमता को साबित करने के लिए अनावश्यक बहस के मकड़जाल में उलझ कर रह गये। मित्रों आपकी लड़ाई कहीं से भी कमजोर नहीं है, शिक्षामित्रों की तरफ से बहस करने का अवसर आने पर अपनी मजबूती का आपको खुद पता चल जाएगा।
मा०उच्च न्यायालय के जाने माने सर्वश्रेष्ठ अधिवक्ताओं में गिने जाने वाले वरिष्ठ अधिवक्तागण श्री शशिनन्दन जी, श्री एल०पी० मिश्र जी, श्री आर०के०ओझा जी, श्री एच०आर०मिश्र जी, श्री अभिषेक श्रीवास्तव जी, श्री गिरजेश तिवारी जी आदि वे समस्त अधिवक्ता अपनी पूरी तैयारी व सम्पूर्ण साक्ष्यों के साथ बहस करते आपको दिखेंगे। बस समय का इन्तजार करें तथा किसी के बहकावे में आकर गुमराह होने से बचें। हमारा पक्ष आज भी उतना ही मजबूत है जितना कि कल था।
प्रिय मित्रों बहुत से साथी विरोधियों के बहकावे में आकर संगठन से हिसाब की बात कर रहे हैं तो हम आपको बता दें कि जिस जिस शिक्षामित्र या समायोजित शिक्षक को हिसाब लेना हो वे इलाहाबाद पहुँचें। सुबह 8 से 10 बजे के बीच हिसाब देने के लिए प्रदेश संरक्षक शिव कुमार शुक्ला जी को सौंप दिया गया है। आप लोग आराम से बैठकर लिखित हिसाब किताब उनसे प्राप्त कर सकते हैं। आपने आर्थिक सहयोग किया है, आपको पूरा अधिकार है हिसाब किताब लेने का। उसको जरुर जानें। किन्तु मित्रों आप लोगों ने उनसे एक बार भी हिसाब माँगने का काम नहीं किया जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के नाम पर लाखों रुपये एकत्र तो कर लिया था परन्तु उसमें से फूटी कौड़ी भी सर्वोच्च न्यायालय में खर्च नहीं किया। कम से कम उन लोगों के द्वारा यहाँ तो एक या दो सर्वोच्च न्यायालय के वकील को दिल्ली से लाना चाहिए था? हमको आपने जो दिया उससे ज्यादा हमने सर्वोच्च और उच्च न्यायालय में खर्च कर दिया। परन्तु ठेस तब पहुँचता है जब आप लोग अच्छा करने वाले व बुरा करने वाले सबको एक ही पैमाने पर घसीटना शुरु कर देते हैं।
मित्रों आपके सहयोग के आधार पर ही हमने उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं का यह पैनल खड़ा किया है। किन्तु संगठन का प्रयास तो था कि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को लाने का जिसके लिए बार बात आप लोगों का, जिलाध्यक्षों का आह्वान किया गया किन्तु आप लोगों की उदासीनता और लापरवाही के कारण हम ऐसा करने में असफल रहे। किन्तु मित्रों फिर भी चिन्ता की कोई बात नहीं है, हमारे पास उच्च न्यायालय के श्रेष्ठतम वकीलों का पैनल व पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं। जो हमें निश्चित रुप से जीत की तरफ ले जाएँगे। आने वाले समय में आपको हमारे अधिवक्ताओं के पैनल और उनके कार्य स्वतः ही दिख जाएगा। धन्यवाद॥ आपका अपना गाजी इमाम आला, उ०प्र०प्रा०शि०मि० संघ, उत्तर प्रदेश॥
"नन्हीं चींटी जब दाना लेकर
चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार
फिसलती है । मन का विश्वास रगों में साहस भरता
है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है ।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं
होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार
नहीं होती ॥  by मनोज गुप्ता लखनऊ

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