Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

आज की सुनवाई के बिंदु - by हिमांशु राणा : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

आज का दिन 27 जुलाई 2015 के माननीय उच्चत्तम न्यायालय के निवेदन पर गठित वृहद पीठ की सुनवाई में एहम रहा , सुनवाई के बिंदु निम्न है :
1) कोर्ट ठीक 2 बजकर 10 मिनट पर चालू हुई जिसमे हमारे अधिवक्ता संतोष कुमार श्रीवास्तव जी ने आनंद नंदन जी का इंट्रोडक्शन कोर्ट से कराया और उनके जिरह के लिए निवेदन किया जिस पर माननीय न्यायधीश महोदय ने निवेदन माना ।

2) तत्पश्चात अधिवक्ता आनंद नंदन साहब ने सर्वप्रथम कोर्ट और न्यायमूर्तियों का अभिवादन किया और कहा कि मेरी सर्वप्रथम अपीयरेंस है इलाहाबाद न्यायालय के समक्ष जिसके लिए मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । सीजे साहब ने मुस्कुराते हुए अभिवादन स्वीकार किया ।
3) आनंद नंदन साहब ने फिर कोर्ट को कहा कि सब कुछ आपके समक्ष यहाँ के सीनियर काउंसल ला ही चुके हैं पर मैं आपका ध्यान illegality की तरफ लाना चाहता हूँ और जिरह स्टार्ट की ।
नंदन सर ने माननीय उच्चत्तम न्यायालय के citations दिखाकर कहा कि ---
Irregular appointment can be regular according to rule but illegal appointment can't be legalise ever" तत्पश्चात सभी citations सुनाये जिस पर सभी माननीय न्यायमूर्ति सहमत हुए।
फिर नंदन सर ने कहा कि ------
"Any contract basis work if worked for 25 years , 20 years they cant be regularise if their appointment is legal ".
Appointment of shiksha mitras is purely illegal as they are just contract basis , not according to service rule , not any reservation policy at the time of recruitment and also at the time of absorbption.
How they can be regularise if their appointment is illegal ?
सभी citations पढ़कर सुनाये जिसे कोर्ट में खड़े अधिकतम अधिवक्ता नोट भी कर रहे थे।
नंदन सर ने सीधे अपॉइंटमेंट को illegal शो कर दिया जिसका परिणाम आज ये हुआ कि कोर्ट केवल legality पर चली ।
3) उसके बाद इन्ही बातों का अनुसरण जोरदार तरीके से अधिवक्ता राहुल अग्रवाल जी ने भी किया।
4) फिर उसके बाद बारी आई महाअधिवक्ता सीबी यादव जी की -
मात्र और मात्र खाना पूर्ती करते हुए देखे गए क्योंकि सीजे 2001 नोटिफिकेशन्स के अलावा सभी कुछ जो ऊपर नंदन सर ने बिंदु केंद्रित किये थे उन पर सीबी यादव जी से असहमत देखे।
कोई भी बात लीगली शो या प्रूफ नहीं कर पाये। उन्ही पॉइंट्स पर लीगल बातों को लेकर धोया जैसे :
शिक्षा मित्र कैडर 1981 में था ही नहीं और 2001 के नोटिफिकेशन में ट्रेनिंग की बात है तो तब कहाँ ये ट्रैंड थे ?
आरक्षण के नाम पर खूब धोया ।
साथियों जो कहा वो किया एक दिन हमारे विपक्ष में गया था अगर उस दिन नंदन साहब होते तो उसकी नौबत भी नहीं आती क्योंकि आज मानवता के आधार वाला गेम भी शुरुआत में ही नंदन साहब ख़त्म कर दिए थे।
माननीय उच्चत्तम न्यायालय से लेकर यहाँ तक बेरोजगारों की उम्मीदों पर खरा उतरा हूँ । 27 को तीन अधिवक्ता , नंदन सर को यहाँ लाना ।
अब आपका भी कुछ दायित्व बनता है ।
सोचिये जब हाई कोर्ट के अधिवक्ता को 3 लाख दे रहे हो तो आज जो अचूक बातें माननीय उच्चत्तम न्यायालय के आदेशों के तर्क के साथ रखने वाले महानायक आनंद नंदन जी को क्यों नहीं पेड कर रहे है ?
आपको ये विशवास दिलाता हूँ कि सरकार की कूनीति में आग लगाकर रहूँगा और जैसा आदेश आपने चाहा था वैसा कराकर ही दम लूंगा।



सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

latest updates

latest updates

Random Posts