शिक्षामित्रों के समायोजन मामले में कोर्ट अपडेट : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Latest updates

शिक्षामित्रों के समायोजन मामले में आज बी0टी0सी धारकों का पक्ष सुना गया ,
अभी कोर्ट अन्य सभी याचिका-कर्ताओं को सुनेगा, अर्थात कल लंच के बाद भी सुनवाई जारी रहेगी ,
उसके पश्चात  मा0 उच्च न्यायालय शायद इसी हफ्ते या अगले हफ्ते इस मामले की सभी याचिकाओं पर अपना ऐतिहासिक और अति विशिष्ट फैसला सुरक्षित रखेगा !
याद रहे अभी कोर्ट द्वारा बीच-बीच में की गई कोई भी टिप्पणी को कोर्ट का अंतिम फैसला ना समझें !
पूरे फैसले को कुछ हफ्तों के बाद सुनाया जायेगा और इसकी समीक्षा मा0 सर्वोच्च न्यायालय 2 नवंबर से करना प्रारम्भ करेगा ।
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Santosh Kushwah Shiksha Mitra Group se >>
Gazi Imam Ala with संतोष कुशवाहा कुशीनगर and 19 others
कोर्ट अपडेट
प्रिय समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र भाइयों एवं बहनों, आज की कोर्ट कार्यवायी पूरी तरह से शिक्षामित्रों के पक्ष में रही। आज की जीत हमें अन्तिम दिन के जीत की तरफ ले जाएगी। मा०उच्चतम न्यायालय इलाहाबाद में चल रही सुनवाई के क्रम में आज पुनः दोपहर बाद लगभग ३:१७ बजे अपने केस की सुनवाई प्रारम्भ हुई। सर्वप्रथम विपक्षियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अशोक खरे जी ने हमारे समयोजन पर सवालिया निशान लगाते हुए समायोजन को अवैध ठहराने के लिए बहस किया, किन्तु स्वयं मुख्य न्यायाधीश महोदय जी ने खरे साहब से पूछा कि जब पिछले १५ वर्षों से ये शिक्षामित्र अध्यापक के रुप में काम कर रहे थे और उ०प्र० सरकार के पास शिक्षकों के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था नहीं थी, तब यही शिक्षामित्र विद्यालय में शिक्षक के रुप में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने में तथा छात्र शिक्षक अनुपात बनाने को ठीक करने में लगे हुए थे, तो आज अगर सभी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए, बी०टी०सी० और स्नातक शिक्षामित्रों को नियमित किया जा रहा है तो आपको क्या आपत्ति है? तत्पश्वात हमारे तरफ से रखे गये महाधिवक्ता श्री विजय बहादुर सिंह जी ने बहस करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने परिषद के सभी अप्रशिक्षितों को प्रशिक्षित करने का कानून बनाया था जिसके क्रम में उ०प्र० सरकार ने केन्द्र व एन०सी०टी०ई० से अनुमति प्राप्त करके इनको द्विवर्षीय प्रशिक्षण कराया। उ०प्र० सरकार को जो अधिकार प्राप्त है उन अधिकारों का प्रयोग करते हुए बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में  संशोधन करके शिक्षक बनाया है। जितने स्नातक व प्रशिक्षित हैं, उतने ही लोगों को शिक्षक बनाया गया है। जिनका प्रशिक्षण अभी चल रहा है उनको अभी शिक्षक नहीं बनाया गया है।
महाधिवक्ता जी की बातों से अपनी सहमति जताते हुए मा०मुख्य न्यायाधीश महोदय ने सुनवाई के लिए आज की समय सीमा समाप्त होने की दशा में सुनवाई को कल तक के लिए स्थगित कर दिया तथा कल फिर सुनवाई हेतु निर्देशित कर दिया।
सुनवाई में उ०प्र०प्रा०शि०मि० संघ की तरफ से प्रदेश संगठन मंत्री श्रीराम द्विवेदी जी, प्रदेश कोषाध्यक्ष रमेश मिश्रा जी व संगठन के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
मित्रों संगठन ने इस लड़ाई के लिए पूरी तैयारी की है, तथा बेहतर रणनीति के साथ न्यायालय में उतरा जा रहा है। हमारे सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी पूरी तैयारी की है जो समय समय पर अपनी भूमिका का निर्वहन बेहतर रणनीति के साथ कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। जीत हमारी ही होगी, आप लोगों की दुवाएँ और सहयोग हमारे साथ हैं। आप सब का विशेष सहयोग अपेक्षित है। धन्यवाद आपका गाजी इमाम आला-प्रदेश अध्यक्ष, श्रीराम द्विवेदी-प्रदेश संगठन मंत्री, रमेश मिश्रा-प्रदेश कोषाध्यक्ष, उ०प्र०प्रा०शि०मि०संघ, उत्तर प्रदेश॥


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