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शिक्षामित्र केस में , कोर्ट की सम्पूर्ण अपडेट : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

साथियों जो कहा वो किया एक दिन हमारे विपक्ष में गया था अगर उस दिन नंदन साहब होते तो उसकी नौबत भी नहीं आती क्योंकि आज मानवता के आधार वाला गेम भी शुरुआत में ही नंदन साहब ख़त्म कर दिए थे।
माननीय उच्चत्तम न्यायालय से लेकर यहाँ तक बेरोजगारों की उम्मीदों पर खरा उतरा हूँ । 27 को तीन अधिवक्ता , नंदन सर को यहाँ लाना ।
अब आपका भी कुछ दायित्व बनता है ।

आज का दिन 27 जुलाई 2015 के माननीय उच्चत्तम न्यायालय के निवेदन पर गठित वृहद पीठ की सुनवाई में एहम रहा , सुनवाई के बिंदु निम्न है :
1) कोर्ट ठीक 2 बजकर 10 मिनट पर चालू हुई जिसमे हमारे अधिवक्ता संतोष कुमार श्रीवास्तव जी ने आनंद नंदन जी का इंट्रोडक्शन कोर्ट से कराया और उनके जिरह के लिए निवेदन किया जिस पर माननीय न्यायधीश महोदय ने निवेदन माना ।2) तत्पश्चात अधिवक्ता आनंद नंदन साहब ने सर्वप्रथम कोर्ट और न्यायमूर्तियों का अभिवादन किया और कहा कि मेरी सर्वप्रथम अपीयरेंस है इलाहाबाद न्यायालय के समक्ष जिसके लिए मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । सीजे साहब ने मुस्कुराते हुए अभिवादन स्वीकार किया ।
3) आनंद नंदन साहब ने फिर कोर्ट को कहा कि सब कुछ आपके समक्ष यहाँ के सीनियर काउंसल ला ही चुके हैं पर मैं आपका ध्यान illegality की तरफ लाना चाहता हूँ और जिरह स्टार्ट की ।
नंदन सर ने माननीय उच्चत्तम न्यायालय के citations दिखाकर कहा कि ---
Irregular appointment can be regular according to rule but illegal appointment can't be legalise ever" तत्पश्चात सभी citations सुनाये जिस पर सभी माननीय न्यायमूर्ति सहमत हुए।
फिर नंदन सर ने कहा कि ------
"Any contract basis work if worked for 25 years , 20 years they cant be regularise if their appointment is legal ".
Appointment of shiksha mitras is purely illegal as they are just contract basis , not according to service rule , not any reservation policy at the time of recruitment and also at the time of absorbption.
How they can be regularise if their appointment is illegal ?
सभी citations पढ़कर सुनाये जिसे कोर्ट में खड़े अधिकतम अधिवक्ता नोट भी कर रहे थे।
नंदन सर ने सीधे अपॉइंटमेंट को illegal शो कर दिया जिसका परिणाम आज ये हुआ कि कोर्ट केवल legality पर चली ।
3) उसके बाद इन्ही बातों का अनुसरण जोरदार तरीके से अधिवक्ता राहुल अग्रवाल जी ने भी किया।
4) फिर उसके बाद बारी आई महाअधिवक्ता सीबी यादव जी की -
मात्र और मात्र खाना पूर्ती करते हुए देखे गए क्योंकि सीजे 2001 नोटिफिकेशन्स के अलावा सभी कुछ जो ऊपर नंदन सर ने बिंदु केंद्रित किये थे उन पर सीबी यादव जी से असहमत देखे।
कोई भी बात लीगली शो या प्रूफ नहीं कर पाये। उन्ही पॉइंट्स पर लीगल बातों को लेकर धोया जैसे :
शिक्षा मित्र कैडर 1981 में था ही नहीं और 2001 के नोटिफिकेशन में ट्रेनिंग की बात है तो तब कहाँ ये ट्रैंड थे ?
आरक्षण के नाम पर खूब धोया ।
सोचिये जब हाई कोर्ट के अधिवक्ता को 3 लाख दे रहे हो तो आज जो अचूक बातें माननीय उच्चत्तम न्यायालय के आदेशों के तर्क के साथ रखने वाले महानायक आनंद नंदन जी को क्यों नहीं पेड कर रहे है ?
आपको ये विशवास दिलाता हूँ कि सरकार की कूनीति में आग लगाकर रहूँगा और जैसा आदेश आपने चाहा था वैसा कराकर ही दम लूंगा।
सहयोग प्रार्थनीय है इस सुनहरे अवसर के लिए क्योंकि भविष्य जो आपका और हमारा है वो इतिहास बनने जा रहा है । जीवन में ये मौके कभी नहीं आते हैं ।
केस कल पुनः सुबह 10 बजे से सुना जाएगा और कल सबकुछ फाइनल होने के 99.9% आसार है।
धन्यवाद
 
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 सभी साथियों को नमस्कार......********हाइकोर्ट अप डेट**********
आज का दिन जंहाँ बीएड व बीटीसी टेट पास साथियों की उम्मीदों को नये पंख लगगये वहीँ शिक्षा मित्रों की उम्मीदों का तुसारापात हुआ।
***शिक्षा मित्रों के लिये किसी बज्रपात
से कम नहीं रहा आज का दिन ***
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आज बीएड की तरफ से अरविंद्र श्रीवास्तव,तरुण अग्रवाल ने बहस की और जोरदार ढंग से घेराव किया।*****जहाँ अरविंद्र श्रीवास्तव ने_जब स्नातक बीएड टेट पास योग्यता धारी पर्याप्त संख्या में मौजूद है तो 12 पास को क्यों संविदा में रखा गया गर रखना था तो इन योग्य अभ्यर्थियों को क्यों नहीं रहा।के मुद्दे पे घेरा वहीँ तरुण,राहुल अग्रवाल जी ने भी कम समय में इन्ही मुद्दों को लेकर दबाव बनाया।
***अधिवक्ता जनरल सी.बी.यादव ने सरकार का पक्ष रखा व सर्व शिक्षा अभियान के बारे में कोर्ट को अवगत कराया।
**×**सुप्रीमकोर्ट से आये आनंद नंदा जी ने जबरदस्त तरीके से जहाँ शिक्षा मित्रों के समायोजन का विरोध किया वहीँ अब तक विभिन्न केस में आये सुप्रीमकोर्ट के आर्डर जिनमें संविदा कर्मी को परमानेंट करने पे रोक का विवरण कोर्ट में पेस किया जिसे सीजे साहब ने गम्भीरता से लिया।
***स्टेट अधिवक्ता ने आर्टिकल 45 से अपनी सुरुआत की व गुजरात के मैटर का हवाला दिया।
### जिसमे स्वयं सीजे साहब ने कहा गुजरात से आप यूपी की तुलना न करें व आगे पूछा क्या रिजर्वेशन का पालन किया गया है चयन के समय आप ने बेसिक चीज को फॉलो नहीं किया
***सी.बी.यादव जी ने पंचायत स्तर पर फॉलो होने की बात की जिसे सीजे ने हे कहते हुये मना किया गर प्रधान ओबीसी है तो जाहिर तौर पर चयन ओबीसी का ही होगा।
सी.बी.यादव जी पसीना पोछ लिये।
*****
सीजे साहब की टिप्पड़ी की जब आप ने नियम 1998 में बनाया व 1999 में शिक्षा मित्रों के सम्बंधित जीओ जारी किया तो स्नातक पास को शिक्षा मित्र क्यों नहीं बनाया।
व अति महत्वपूर्ण बात ये की जब आप के पास 2 लाख 70 हजार टेट पास योग्य लोग हैं तो शिक्षा मित्रों को ही क्यों सहायक अध्यापक बनाया।
***
********
साथियों आज गवर्मेंट व शिक्षा मित्रों के अधिवक्ता कोर्ट में लगातार हतास नजर आये व सीजे साहब को किसी भी मैटर पर सहमत नहीं कर सके।जीत सुनिश्चित है पर जब तक आर्डर न आजाये धैर्य बनाये रखें जल्द ही आप नई उम्मीदों के रथ पर सवार होंगे।शासन का दम्भ चूर होने में वक्त नहीं लगेगा।
***जय हिन्द जय भारत**
✒: Sherbahadur Verma
गाज़ीजी शाही जी kha ho aj kyu nhi jwab de rhe in s.m. Ko जो अपनी जिन्द्गी आप लोगो के वा bacho pdane me brbad kiya kyu nhi acha sa wakel kiya gya hum logo को कल रिजल्ट्स acha chahiye aur kuch nhi jante
— with Syed Javed Mian and 9 others .

✒: Shiksha Mitra Sangh Maharajganj with Shiksha Mitra Uttar Pradesh and 29 others
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मित्रो
आज जरा सा कोर्ट मे बहस हमारे अनुरुप नही हुई तो सारे लोग परेशान हो उठे
किन्तु आपको अवगत कराना चाहूंगा कोइ भी वकील बिना पैसे के बहस नही करेगा
सुप्रीम कोर्ट से समायोजन पैसे के बल पर ही टाप टेन वकीलों की मदद से बचाया गया था किन्तु एक पौधे को जिस तरह हमेशा पानी देना पड़ता है उसी तरह संघ को भी हर कार्य के लिए आपके सहयोग की जरुरत होती है , हमारे मुखिया ने तो पहले ही अमित सिब्बल जैसे वकील को लाने की बात की थी किन्तु आप लोगों के नकारात्मक विचारों से इस मुद्दे पर निर्णय नही लिया जा सका आज जो कोर्ट मे हुआ वह अप्रत्याशित नही था हमारे विचार पर हमारे विपक्षीयों ने अमल किया और ये स्थिती उत्पन्न हो गयी
कल बैक टू होम होना पड़े तो भी अतिश्योक्ति नही होगी
मित्रो
हम इतने कमजोर भी नही है कल कोर्ट मे वरिष्ठ अधिवक्ता L.P. Mishra हमारे पक्ष मे बहस करने के लिए खड़े होंगे साथ मे वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पूरा पैनल होगा किन्तु आप लोगो का भरपूर सहयोग न मिलना आज स्थिती के लिए पूर्णतः जिम्मेदार है
एक बड़ा संगठन तो पिछले 10 दिनो से इस बात पर बहस कर रहा है कि ओझा किसके वकील है ?
जीत हमारी होगी
आपका
राकेश मणि
UPPSMS



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