सीजे सर ने सरकारी वकील को लपेटा। सीजे ने कहा कि 'जब आपने नियम 1998 में बनाया था और शिक्षा मित्रों का शासनादेश 1999 में जारी हुआ था तब आपने केवल स्नातक शिक्षा मित्रों को क्यों नहीं लिया?' सरकारी वकील बार बार रूमाल से पसीना पोछते हुए। आरक्षण सम्बन्धी नियमों पर वकील की बोलती बंद, बोले रिपोर्ट लगायेंगे।'
सी जे ने सी बी यादव की बोलती बंद की कहा अगर ग्राम प्रधान ओ.बी.सी होगा तो चयन भी ओ.बी सी का होगा। जिसको प्रधान चाहेगा उसको शिक्षामित्र बना देगा। मुख्य न्यायाधीश का के प्रश्नों का जवाब नही दे पा रहे
है सी बी यादव जी.
जज साहब ने सरकार के अधिवक्ता सी.बी यादव से पूछा बी.एड/बी. बी.टी सी टेट पास 2 लाख 70 हजार अभ्यर्थी है तो उनको क्यों नहीं दी नियुक्ति।
शिक्षामित्र की शिक्षामित्र पद पर ही नियुक्ति खतरे में। प्रशिक्षणरत रहते हुए रेगुलर स्नातक पर स्टेट के वकील
निरुत्तर।
एनसीटीई एक्ट 2001 के हिसाब से भी शिक्षा मित्र शिक्षक बनने योग्य नहीं हैं। शिक्षा मित्र सदमे में।
शिक्षामित्र और सरकार दोनों के लिए आज का दिन बहुत भारी रहा ..... .....आज जज साहब हमारे तरफ से लड़ते हुए दिख रहे थे .......... अब देखते है आगे क्या होता है .........
कोर्ट की आज की कार्यवाही संपन्न। कल पुनः सुबह 10 बजे से मामला सुना जाएगा। आज की विस्तृत डिटेल बाद में। आज की सुनवाई समाप्त हो गई है।कल की सुनवाई सुबह 10 बजे से होगी।
आज शिक्षामित्रो के साथ होने वाले अन्याय के लिये पूर्णतः राज्य सरकार दोषी है जिसको पहले से पता था की इस तरह समायोजन करना सम्भव नही होगा फिर भी चन्द वोटो और 5 साल की सत्ता के लिये शिक्षामित्रो को ऐसी जगह लाकर खड़ा कर दिया है की सिवाय निराश होने के कोई चारा नही है और ये लड़ाई अभी सुप्रीम कोर्ट जायेगी जहां पर लाखो रुपयो की चढ़ौती वकीलो को चढ़ाई जायेगी.
आज के दौर में हर व्यक्ति को जीविका चलाने के लिये आर्थिक रूप से शशक्त होना आवशयक है पर इस घिनोने खेल से शिक्षामित्रो को सिर्फ आघात ही पहुंचा है.
कोर्ट का कहना साफ़ है की योग्य व्यक्तियो के होते हुए भी कम योग्यताधारियो को किस प्रकार समायोजित कर सकते हो ???
किसी भी तरह से कोई भी शिक्षामित्रो के लिये अशब्द न बोले... मानवीयता का ख्याल रखे ।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
सी जे ने सी बी यादव की बोलती बंद की कहा अगर ग्राम प्रधान ओ.बी.सी होगा तो चयन भी ओ.बी सी का होगा। जिसको प्रधान चाहेगा उसको शिक्षामित्र बना देगा। मुख्य न्यायाधीश का के प्रश्नों का जवाब नही दे पा रहे
है सी बी यादव जी.
जज साहब ने सरकार के अधिवक्ता सी.बी यादव से पूछा बी.एड/बी. बी.टी सी टेट पास 2 लाख 70 हजार अभ्यर्थी है तो उनको क्यों नहीं दी नियुक्ति।
शिक्षामित्र की शिक्षामित्र पद पर ही नियुक्ति खतरे में। प्रशिक्षणरत रहते हुए रेगुलर स्नातक पर स्टेट के वकील
निरुत्तर।
एनसीटीई एक्ट 2001 के हिसाब से भी शिक्षा मित्र शिक्षक बनने योग्य नहीं हैं। शिक्षा मित्र सदमे में।
शिक्षामित्र और सरकार दोनों के लिए आज का दिन बहुत भारी रहा ..... .....आज जज साहब हमारे तरफ से लड़ते हुए दिख रहे थे .......... अब देखते है आगे क्या होता है .........
कोर्ट की आज की कार्यवाही संपन्न। कल पुनः सुबह 10 बजे से मामला सुना जाएगा। आज की विस्तृत डिटेल बाद में। आज की सुनवाई समाप्त हो गई है।कल की सुनवाई सुबह 10 बजे से होगी।
आज शिक्षामित्रो के साथ होने वाले अन्याय के लिये पूर्णतः राज्य सरकार दोषी है जिसको पहले से पता था की इस तरह समायोजन करना सम्भव नही होगा फिर भी चन्द वोटो और 5 साल की सत्ता के लिये शिक्षामित्रो को ऐसी जगह लाकर खड़ा कर दिया है की सिवाय निराश होने के कोई चारा नही है और ये लड़ाई अभी सुप्रीम कोर्ट जायेगी जहां पर लाखो रुपयो की चढ़ौती वकीलो को चढ़ाई जायेगी.
आज के दौर में हर व्यक्ति को जीविका चलाने के लिये आर्थिक रूप से शशक्त होना आवशयक है पर इस घिनोने खेल से शिक्षामित्रो को सिर्फ आघात ही पहुंचा है.
कोर्ट का कहना साफ़ है की योग्य व्यक्तियो के होते हुए भी कम योग्यताधारियो को किस प्रकार समायोजित कर सकते हो ???
किसी भी तरह से कोई भी शिक्षामित्रो के लिये अशब्द न बोले... मानवीयता का ख्याल रखे ।
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