शिक्षामित्रों की आज की सुनवाई का संक्षिप्त सार नीचे दिया गया है , की CJ साहब ने खुद बी. एड. टेट पास और BTC की तरफ से केस लड़ा. इसके गवाह हैं ये प्रमुख बिंदु:
- CJ ने कहा कि 'जब आपने नियम 1998 में बनाया था और शिक्षा मित्रों का शासनादेश 1999 में जारी हुआ था तब आपने केवल स्नातक शिक्षा मित्रों को क्यों नहीं लिया?
- कहा अगर ग्राम प्रधान ओ.बी.सी होगा तो चयन भी ओ.बी सी का होगा। जिसको प्रधान चाहेगा उसको शिक्षामित्र बना देगा। इस प्रकार आरक्षण के निायम का पालन भी नहीं किया गया इस भर्ती में.
- स्टेट अधिवक्ता ने गुजरात के मैटर का हवाला दिया। जहाँ शिक्षामित्रों का इसी तरह समायोजन किया गया है जिस पर स्वयं सीजे साहब ने कहा गुजरात से आप यूपी की तुलना न करें.
- प्रशिक्षण के दौरान इन्होने रेगुलर स्नातक कैसे कर लिया?
- जब पहले से ही प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में बी.एड.+BTC पास मौजूद थे तो आपने शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक क्यों बनाया?
- इस प्रकार गवर्नमेंट अधिवक्ता की बोलती बंद कर दी.
- अब कल 10 बजे की डेट लगाई है इसका मतलब है की जज साहब जल्द ही केस को निबटाना चाहते हैं, क्योंकि जब भी कोई केस जल्द समाप्त करना होता है तो उसे सुबह ही लगाया जाता है ताकि सुनवाई का पूरा टाइम मिल सके.
- दोस्तों सुनवाई अपने पक्ष में है लेकिन अभी रनिंग प्रोसेस में है इसलिए अभी से कोई अनुमान लगा लेना समझदारी नहीं होगी