2 मुद्दे ?
1) शिक्षा मित्रों का धरना ---
2) शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग ---
2) शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग ---
साथियों उनके धरने से हमें क्या लेना देना है ? उन्हें अनुमति मिले या न मिले, हम हमारा काम कर आये हैं । अब केंद्र में हिम्मत हो तो नियमों से ऊपर जाकर योग्यता के साथ खिलवाड़ करके तो दिखाए । वैसे शिक्षा मित्रों को मात्र एक दिन की अनुमति दी गयी है जितना मुझे पता चला है।
एहम मुद्दा ट्रेनिंग -
इसके लिए जैसा कि आपको पूर्व में अवगत कराया भी था और इस सप्ताह में किये गए काम की झलक आपको संभवतः दिख भी जाएगी तो थोडा धैर्य रखें , हिम्मत से काम लें । वृहद पीठ के आदेशानुसार ट्रेनिंग वैसे भी खोकली है इनकी परंतु फिर भी ट्रेनिंग के लिए यथा संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन प्रयासों में मुझे आपके सहयोग और परम पिता परमेशवर के आशीर्वाद की जरूरत है।
इसके लिए जैसा कि आपको पूर्व में अवगत कराया भी था और इस सप्ताह में किये गए काम की झलक आपको संभवतः दिख भी जाएगी तो थोडा धैर्य रखें , हिम्मत से काम लें । वृहद पीठ के आदेशानुसार ट्रेनिंग वैसे भी खोकली है इनकी परंतु फिर भी ट्रेनिंग के लिए यथा संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन प्रयासों में मुझे आपके सहयोग और परम पिता परमेशवर के आशीर्वाद की जरूरत है।
साथियों आपने कभी सोचा भी नहीं था कि इस प्रकार का फैसला माननीय उच्चत्तम न्यायालय करेगा जो कि अपने आप में इतिहास है । माननीय उच्चत्तम न्यायालय के आदेशानुसार बेंच का गठन होना अपने आप में इस आदेश को इतिहास बना चुका है । आप देखिये पूर्व में कितने केस में माननीय उच्चत्तम न्यायालय ने इस प्रकार आदेश किया है कि बेंच तक के गठन तक के निर्देश दिए हो ? शायद ही आपको मिले।
न्यायालय की कारवाई में थोडा समय लगता है परंतु आप अपना समय जाया न कीजिये। संगठन को मजबूत करिये , जिले जिले ब्लाक ब्लाक सप्ताह में मीटिंग करके ज्यादा से ज्यादा सुप्तावस्था में गए हुए टीईटी साथियों को जगाइए।
हमें किसी से भी गुहार लगानी है तो हम अपने लीगल काम को दिखाकर लगा सकते है नाकि गिड़गिडाके ।
आप विजयी हैं अब तक और आने वाला समय भी आपका ही है। जरूरत है तो आपको स्वयं में मजबूत होने की ।
धन्यवाद
आपका
हिमांशु राणा
टीईटी 2011 उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
आपका
हिमांशु राणा
टीईटी 2011 उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
निवेदन : उपरोक्त उल्लेखित 2 मुद्दों को लेकर बार बार फ़ोन न करें। दिल्ली हैं काम पूरा करके ही वापस लौटूंगा ।