मुख्य सचिव ने NCTE को पत्र लिखकर किया अनुरोध : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

लखनऊ। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा है कि दूरस्थ शिक्षा से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण परीक्षा पास करने वाले शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को पत्र लिखकर इस संबंध में अनुरोध किया है।
मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के संबंध में जारी अधिसूचना निरस्त किए जाने से इन्हें टीईटी से दी गई छूट समाप्त हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश से परिषदीय विद्यालयों में जहां शिक्षकों की कमी हो जाएगी, वहीं लगभग 1.70 लाख शिक्षामित्रों के प्रदेशभर में प्रदर्शन व आंदोलन शुरू हो गए हैं। इससे राज्य सरकार के समक्ष विषम स्थिति उत्पन्न हो गई है।
मुख्य सचिव ने पत्र में यह भी जिक्र किया है कि उत्तराखंड में शिक्षामित्रों को एनसीटीई से टीईटी में छूट की अनुमति के बाद सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के शिक्षामित्रों की स्थिति एक जैसी ही है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रभावी होने के पहले से ही यूपी में 15-16 वर्षों से शिक्षामित्र शिक्षण दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। वे स्नातक होने के साथ दूरस्थ शिक्षा से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण भी प्राप्त कर चुके हैं। प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा की विषम स्थिति के मद्देनजर प्राइमरी स्कूलों में अध्यापक छात्र अनुपात 1: 40 करने के लिए रखे गए 1.70 लाख शिक्षामित्रों की संविदा के स्वत: नवीनीकरण की व्यवस्था लागू की गई। प्रदेश में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को देखते हुए स्कूलों में कार्यरत स्नातक पास इन अप्रशिक्षित शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की गई।
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