टेट पास अभ्यर्थीयों का कहना है की वरुण गांधी ने वोट बैंक के लालच में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश को दरकिनार किया । दुखी दोनों ही पक्ष टेट पास और नॉन टेट शिक्षा मित्र हैं , लेकिन राजनैतिक पार्टियां एक ही पक्ष शिक्षा मित्र की तरफ झुकती नजर आ रही हैं ,और टेट पास अभ्यर्थी कहने लगे हैं की बी जे पी की छवि से भी उनका मोह भंग होने लगा है ।
एक बेरोजगार मेहनत कर टेट परीक्षा उत्तीर्ण करता है , परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए परीक्षा की तैयारी करता है , टेट / सीटेट परीक्षा के लिए फीस भरता है , और योग्य बनने के बाद भी इस तरह का सौतेला व्यव्हार / उपेक्षा से उनमे रोष व्याप्त है ।
वास्तव में सब से महत्वपूर्ण बात ये है कि बच्चों कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकार का क्या होगा , क्या आर टी ई एक्ट बेमानी है ।
ये नेता लोग अपने बच्चों को किस स्कूल में पढ़ाते हैं , क्या ये नेता लोग अपने बच्चों को सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाएंगे ।
और ये कैसा भविष्य गरीब बच्चों को देंगे ।
बेचारे अबोध बच्चे किस हक़ से अपना अधिकार मांगे , उनकी कौन सुनेगा ।
शिक्षा मित्रों के रोजगार की बात है तो उन्हें इतना क्षमता वान बनाओ की वह खुली प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा सिद्द कर सकें ,
तब तक उनके रोजगार के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करो ।
देश का युवा और बेरोजगार को सही राह प्रदान करने की जिम्मेदारी भी इन नेताओं को समझनी चाहिए ।
यू पी टेट 2011 पास कैंडिडेट के 4 साल बाद भी मौलिक नियुक्ति नहीं मिली , न्याय की दर दर ठोकरें खाते रहे ये योग्य बेरोजगार ।
तब इनकी सुध ये राजनीतिक पार्टियों ने क्यों नहीं ली ।
न्याय सबके साथ करना चाहिए ।
ऐसा न्याय किया जाए की शिक्षा मित्र भी खुश रहें , व प्रदेश के ट्रेंड बेरोजगार शिक्षक भी , लेकिन सबसे बढ़ कर वे बच्चे खुश हों जिनके लिए आर टी ई एक्ट बना और इन बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले व इसमें किसी तरह की राजनीती न हो ।
साथ ही देश के टैक्स पेयर के पैसे का सही इस्तेमाल हो ।
प्रदेश के नेता , अधिकारी अपने बच्चों को भी इन स्कूल में भेज कर शिक्षा देने को तैयार हों जाएँ तब कुछ और परिवर्तन देखने को मिलेगा
खुदी को बुलंद कर इतना की खुदा तुझसे पूछे की बता तेरी रजा क्या है
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
एक बेरोजगार मेहनत कर टेट परीक्षा उत्तीर्ण करता है , परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए परीक्षा की तैयारी करता है , टेट / सीटेट परीक्षा के लिए फीस भरता है , और योग्य बनने के बाद भी इस तरह का सौतेला व्यव्हार / उपेक्षा से उनमे रोष व्याप्त है ।
वास्तव में सब से महत्वपूर्ण बात ये है कि बच्चों कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकार का क्या होगा , क्या आर टी ई एक्ट बेमानी है ।
ये नेता लोग अपने बच्चों को किस स्कूल में पढ़ाते हैं , क्या ये नेता लोग अपने बच्चों को सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाएंगे ।
और ये कैसा भविष्य गरीब बच्चों को देंगे ।
बेचारे अबोध बच्चे किस हक़ से अपना अधिकार मांगे , उनकी कौन सुनेगा ।
शिक्षा मित्रों के रोजगार की बात है तो उन्हें इतना क्षमता वान बनाओ की वह खुली प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा सिद्द कर सकें ,
तब तक उनके रोजगार के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करो ।
देश का युवा और बेरोजगार को सही राह प्रदान करने की जिम्मेदारी भी इन नेताओं को समझनी चाहिए ।
यू पी टेट 2011 पास कैंडिडेट के 4 साल बाद भी मौलिक नियुक्ति नहीं मिली , न्याय की दर दर ठोकरें खाते रहे ये योग्य बेरोजगार ।
तब इनकी सुध ये राजनीतिक पार्टियों ने क्यों नहीं ली ।
न्याय सबके साथ करना चाहिए ।
ऐसा न्याय किया जाए की शिक्षा मित्र भी खुश रहें , व प्रदेश के ट्रेंड बेरोजगार शिक्षक भी , लेकिन सबसे बढ़ कर वे बच्चे खुश हों जिनके लिए आर टी ई एक्ट बना और इन बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले व इसमें किसी तरह की राजनीती न हो ।
साथ ही देश के टैक्स पेयर के पैसे का सही इस्तेमाल हो ।
प्रदेश के नेता , अधिकारी अपने बच्चों को भी इन स्कूल में भेज कर शिक्षा देने को तैयार हों जाएँ तब कुछ और परिवर्तन देखने को मिलेगा
खुदी को बुलंद कर इतना की खुदा तुझसे पूछे की बता तेरी रजा क्या है
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC