'हमारा क्या कसूर' में दिखा शिक्षामित्रों का दर्द : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : न्यायालय के एक आदेश पर करीब डेढ लाख लोगों के चेहरे पर उदासी छा गई। समायोजन के बाद जिन घरों में हर रोज खुशियों का माहौल होता था वहां मायूसी छा गई। किसी ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी तो किसी खुद को समाप्त कर लिया।

संवेदनाओं से लबरेज यह दृश्य रविवार को मुंशी प्रेम चंद पार्क के मंच पर उभरा। मंचन देखने वाले हर किसी ने नीति निर्धारण करने वालों खूब कोसा। अलख कला समूह के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत इस नाटक को राजाराम चौधरी ने लिखा है जिसे निर्देशित किया धर्मेद्र भारती ने। प्रेम चंद साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित नाटक कवि वीरेन डंगवाल, प्रो. पूर्णिमा सत्यदेव की स्मृति में किया गया। कलाकारों में बैजनाथ मिश्र, अनिल कुमार, विनायक अग्रवाल ने अपने भावपूर्ण अभिनय से लोगों को प्रभावित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नाट्यप्रेमी उपस्थित रहे।

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