इलाहाबाद। परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रुकने से प्रशिक्षुओं का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों प्रशिक्षुओं ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यालय का घेराव कर तालाबंदी कर दी।
जिससे गुस्साई पुलिस ने प्रशिक्षुओं पर लाठी चार्ज कर दिया जिसमें कई लोग घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में बीटीसी एवं टीईटी पास 15 हजार प्रशिक्षुओं की सहायक अध्यापक के रूप में भर्ती होनी है। सरकार दिसंबर 2014 में ही इसके लिए शासनादेश जारी कर चुकी है। उसके बाद से तीन बार आवेदन लिए गए हैं। पहली बार शासनादेश जारी होने के तत्काल बाद दूसरी बार मई 2015 में तीसरी बार 15 सितंबर को आवेदन लेने की प्रक्रिया खत्म हुई है। परिषद ने प्रशिक्षुओं से वादा किया था कि वह सितंबर के अंतिम सप्ताह या फिर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू कर देंगे। इसके लिए कहा गया था कि एनआइसी से डाटा मिलते ही कटऑफ घोषित करेंगे और काउंसिलिंग कराएंगे। वहीं दूसरी ओर एनआइसी का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में वह कतई रोड़ा नहीं है। विभाग जब चाहे काउंसिलिंग शुरू कर सकता है।
इसके बाद भी प्रक्रिया शुरू न होने से खफा प्रशिक्षुओं ने सोमवार सुबह से ही शिक्षा निदेशालय में पहुंचकर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय का घेराव किया। प्रशिक्षु पूरी तैयारी से आए थे उन्होंने सपा सरकार की लाल रंग की टोपी पहन रखी थी और अफसरों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। यहां सूचना पर पुलिस फोर्स भी पहुंची, लेकिन संख्या बल एवं प्रशिक्षुओं की एकजुटता देखकर उन्हें खदेडऩे का साहस नहीं कर सकी। आखिरकार शाम तक आंदोलन चलता रहा। योगेंद्र व सत्येंद्र सिंह चंदेल आदि युवाओं ने बताया कि यदि काउंसिलिंग की तारीख घोषित न की गई तो मंगलवार को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में तालाबंदी करके विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
अफसरों की बातचीत बेहद खराब
प्रशिक्षुओं ने कहा कि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा काउंसिलिंग की तारीख घोषित नहीं कर रहे हैं। इस मामले में प्रदेश के कोने-कोने से आकर युवा जानकारी लेना चाहते हैं लेकिन अफसर युवाओं को इस तरह से झिड़कते हैं कि मानों प्रशिक्षु उनके नौकर हैं
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जिससे गुस्साई पुलिस ने प्रशिक्षुओं पर लाठी चार्ज कर दिया जिसमें कई लोग घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में बीटीसी एवं टीईटी पास 15 हजार प्रशिक्षुओं की सहायक अध्यापक के रूप में भर्ती होनी है। सरकार दिसंबर 2014 में ही इसके लिए शासनादेश जारी कर चुकी है। उसके बाद से तीन बार आवेदन लिए गए हैं। पहली बार शासनादेश जारी होने के तत्काल बाद दूसरी बार मई 2015 में तीसरी बार 15 सितंबर को आवेदन लेने की प्रक्रिया खत्म हुई है। परिषद ने प्रशिक्षुओं से वादा किया था कि वह सितंबर के अंतिम सप्ताह या फिर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू कर देंगे। इसके लिए कहा गया था कि एनआइसी से डाटा मिलते ही कटऑफ घोषित करेंगे और काउंसिलिंग कराएंगे। वहीं दूसरी ओर एनआइसी का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में वह कतई रोड़ा नहीं है। विभाग जब चाहे काउंसिलिंग शुरू कर सकता है।
इसके बाद भी प्रक्रिया शुरू न होने से खफा प्रशिक्षुओं ने सोमवार सुबह से ही शिक्षा निदेशालय में पहुंचकर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय का घेराव किया। प्रशिक्षु पूरी तैयारी से आए थे उन्होंने सपा सरकार की लाल रंग की टोपी पहन रखी थी और अफसरों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। यहां सूचना पर पुलिस फोर्स भी पहुंची, लेकिन संख्या बल एवं प्रशिक्षुओं की एकजुटता देखकर उन्हें खदेडऩे का साहस नहीं कर सकी। आखिरकार शाम तक आंदोलन चलता रहा। योगेंद्र व सत्येंद्र सिंह चंदेल आदि युवाओं ने बताया कि यदि काउंसिलिंग की तारीख घोषित न की गई तो मंगलवार को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में तालाबंदी करके विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
अफसरों की बातचीत बेहद खराब
प्रशिक्षुओं ने कहा कि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा काउंसिलिंग की तारीख घोषित नहीं कर रहे हैं। इस मामले में प्रदेश के कोने-कोने से आकर युवा जानकारी लेना चाहते हैं लेकिन अफसर युवाओं को इस तरह से झिड़कते हैं कि मानों प्रशिक्षु उनके नौकर हैं
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