NCTE वृहद बेंच से आये फैसले से हट के कोई भी संशोधन नहीं कर सकता : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

आज जो भाई परेशान है कि NCTE इन शिक्षा के दामादों को छूट दे देगी तो इनके मुँह पे मेरा जोरदार तमाचा कलम की लेखनी से।
पहली बात NCTE वृहद बेंच से आये फैसले से हट के कोई
भी संशोधन नहीं कर सकता, अगर संसोधन करता भी है तो
वृहद् बेंच के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट से भी अवमानना
माना जायेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन के
अनुसार ही 4 हफ्ते में माननीय उच्च न्यायालय को एकल
जजमेंट देना था तथा आये हुए जजमेंट पे अपना स्टेटस रिपोर्ट
को भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पास सबमिट
करना था। सारा मामला अपैक्स कोर्ट के डायरेक्शन के
साथ सिविल अपील (4347-4375) से जुड़ा हुआ है। अतः मेरे
समझ से केंद्र की MHRD या NCTE ,SM के लिए अगर कोई
नया संशोधन करने जाता है तो सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा
या चाबुक पड़ना तय है।इसके साथ शिक्षा मित्रों का
त्रिपुरा या माहरास्ट्रा या उत्तरांचल कोई भी माडल
हो ,,सुप्रीम कोर्ट इनके सामयुदायिक सेवा कर्मी के या
संविदा पोस्ट को इन शिक्षा के मित्रों से हमेशा-हमेशा
के लिए भी छिन सकते हैं।वैसे भी शिक्षा मित्रों का
मामला अब सुप्रीम कोर्ट में जाना तय है क्योंकि RTE
एक्ट 2009 का सीधा वायलेशन ये शिक्षा के शत्रु कर रहे हैं I
जिन्हें बड़ी चालाकी से माननीय दीपक मिश्रा जी ने
सिविल अपील के केस में लपेटा IA 2 और 3 के माध्यम से।
मेरा मानना है कि जज के द्वारा 27 जुलाई से 2 नवंबर का समय लेना भी
बीएड, टेट 11 पास भाइयों के लिए एक
संजीवनी बूटी रहेगा। याद रखियेगा जिस दिन फैसला आया
सुप्रीम कोर्ट से I उस दिन से आप अपनी जिंदगी और कॅरियर
के खुद मालिक होंगे।
संपूर्ण समायोजन ( जिसमे सभी टेट भाईयो का हित) 


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