शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग केंद्र ने ठुकराई

केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग खारिज कर दी है। राज्य सरकार और शिक्षक संगठनों द्वारा यह मांग केंद्र सरकार से लंबे समय से की जा रही थी।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि शिक्षा मित्रों को कितना वेतन देना है, यह राज्य सरकार का काम है। केंद्र न इसके लिए अतिरिक्त बजट देगा और न ही इस मामले में कोई दखल देगा।
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव डॉ. सुभाष चंद्र खूंटिया ने कहा कि केंद्र सरकार सर्वशिक्षा अभियान के लिए राज्यों को पैसा आवंटन करती है। शिक्षक नियुक्त करने और वेतन देने का कार्य राज्य सरकार का है। दरअसल, राज्य में करीब 32 हजार शिक्षा मित्र अभी कार्य कर रहे हैं जिन्हें हर महीने महज 3500 रुपये वेतन मिलता है। यह किसी राज्य के न्यूनतम मजदूरी से भी कम है।
शिक्षा पर आने वाले व्यय में केंद्र की हिस्सेदारी 60 फीसदी होती है जबकि शेष राज्यों की होती है। यूपी में बड़े पैमाने पर शिक्षा मित्र नियुक्त हुए थे। ज्यादातर नियमित किए जा चुके हैं लेकिन 32 हजार अभी भी कार्य कर रहे हैं।
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