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बदलेगी आठवीं तक फेल नहीं करने की नीति, केंद्र और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में हुआ तय

छात्रों को आठवीं तक अनिवार्य रूप से पास करने की नीति को समाप्त करने पर सहमति बन गई है। केंद्र और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में तय हुआ है कि अब यह अधिकार राज्यों को दिया जाएगा कि वे पांचवीं और आठवीं में परीक्षा पास करने को अनिवार्य करते हैं या नहीं।
जरूरत समझने पर वे अपने यहां इन क्लास के लिए बोर्ड परीक्षा भी आयोजित कर सकेंगे। 1केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की मंगलवार को हुई बैठक में यह तय किया गया कि केंद्र सरकार शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून में संशोधन करेगा।
 इसमें यह प्रावधान किया जाएगा कि राज्य अपने यहां आठवीं तक फेल नहीं करने के नियम की समीक्षा करने को स्वतंत्र होंगे। यानी जो राज्य चाहेंगे, वे इस नीति को हटा सकते हैं। दो राज्यों को छोड़ कर देश के सभी राज्य इस नीति को बदलने की मांग कर चुके हैं।1 यानी, जाहिर है कि अब केंद्र सरकार को जल्दी ही आरटीई में संशोधन करना होगा और उसके बाद राज्य अपने यहां इस प्रावधान को हटा देंगे। इसके बाद राज्य पांचवीं और आठवीं के लिए राज्य स्तरीय बोर्ड परीक्षा भी आयोजित कर सकेंगे। दसवीं बोर्ड को फिर से अनिवार्य करने को लेकर हालांकि कोई सहमति नहीं बन सकी।

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